________________
www.vitragvani.com
40]
[ सम्यग्दर्शन : भाग - 6
भाई - जीव, अजीव, पुण्य, पाप, आस्रव, संवर, निर्जरा,
बन्ध और मोक्ष।
बहिन—इन तत्त्वों में से उपादेय तत्त्व कौन-कौन है ?
भाई- -नव तत्त्वों में से शुद्ध जीवतत्त्व उपादेय है, तथा संवरनिर्जरा आंशिक उपादेय है, मोक्षतत्त्व सर्वथा उपादेय है ।
बहिन - शेष तत्त्व कौन-कौन रहें ?
भाई – अजीव, पुण्य, पाप, आस्रव तथा बन्ध, ये पाँच तत्त्व शेष रहें, वे पाँचों तत्त्व हेय है ।
बहिन – वाह ! आज सम्यग्दर्शन की तथा हेय-उपादेय तत्त्व की बहुत अच्छी चर्चा हुई; इसका गहरा विचार करके सम्यग्दर्शन का प्रयत्न करना चाहिए ।
भाई – हाँ बहिन ! सभी को यही करना का है; जीवन में तू यही प्रयत्न करना, इससे तेरा जीवन सफल व सुखरूप होगा।
Shree Kundkund - Kahan Parmarthik Trust, Mumbai.