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[सम्यग्दर्शन : भाग-6
15- जिसे सर्वज्ञता की अद्भुतता लगे, वह जीव, सर्वज्ञ का पुत्र (साधक) हुआ। ____16- अहो! सर्वज्ञता सुन्दर है, कल्याणरूप है, आनन्दकारी अनुपम और अद्भुत है!!
- ऐसी अद्भुत सर्वज्ञता, आत्मा का स्वभाव ही है-ऐसा इष्ट -उपदेश देकर भगवान महावीर ने भव्य जीवों पर महान उपकार किया है। इसलिए उनके मोक्ष के ढाई हजार वर्ष के इस भव्य महोत्सव प्रसङ्ग पर अत्यन्त ही भक्तिभावभीनी श्रद्धाञ्जलि हम अर्पण करते हैं।
जय महावीर
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