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सम्यग्दर्शन : भाग-5]
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सम्यक्त्व-प्रेरक १०८ सुगम प्रश्नोत्तर
१. प्रश्न : मोक्षशास्त्र का पहला ही सूत्र क्या है ? उत्तर : सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्राणि मोक्षमार्गः । २. प्रश्न : समयसार में सम्यग्दर्शन किसे कहा है ? उत्तर : भूतार्थस्वभाव के आश्रय से ही सम्यग्दर्शन कहा है। (जीवादि नव तत्त्वों को भूतार्थनय से जानना, वह सम्यग्दर्शन
है।)
३- नव तत्त्व को जाने परन्तु शुद्धात्मा को न पहचाने तो?
- तो उसे सम्यग्दर्शन नहीं होता; उसका नव तत्त्व का ज्ञान भी सच्चा नहीं होता, नव तत्त्वों को भूतार्थनय से जाने तो अवश्य सम्यग्दर्शन होता है।
४- वीतराग भगवन्त किस मार्ग से मोक्ष में चले? - अन्तर्मुखी शुद्धरत्नत्रय के मार्ग से वे मोक्ष में गये। ५- जीव को बहिरात्मदशा में क्या था?
- बहिरात्मदशा में वह एकान्त दु:खी था, क्योंकि उसे देह से भिन्न आत्मा का ज्ञान नहीं था।
६- अब अन्तरात्मा होने पर क्या हुआ?
- उसे देहादि से भिन्न आत्मस्वभाव का ज्ञान होने से आत्मा का सच्चा सुख अनुभव में आया।
७- हम परमात्मा को पहिचान सकते हैं ?
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