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(xiv)
लेख
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निश्चयसम्यग्दर्शन का मार्ग.. नव तत्त्व का ज्ञान, सम्यग्दर्शन का व्यवहार. भूतार्थस्वभाव के आश्रय से ही सम्यग्दर्शन... नव तत्त्व का स्वरूप और जीव-अजीव...... सम्यग्दर्शन के लिए अपेक्षित भूमिका...... ज्ञायकस्वभावी शुद्ध जीव का अनुभव...... भगवान आत्मा की प्रसिद्धि... भगवती प्रज्ञा.......... भगवती प्रज्ञा..... आचार्यदेव शिष्य को समझाते हैं... आमन्त्रण.. छह माह का कोर्स.. ज्ञान को उर आनो.... दर्शन धारो पवित्रा..... सम्यग्दर्शन...................
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