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श्री संवत्सरी प्रतिक्रमण विधि सहित
व्रतोमें लगे अतिचारकी आलोचनाके साथ क्षमायाचना ईच्छाकारेण संदिसह भगवन् देवसिअं आलोउं ? इच्छं, आलोओमि
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हे भगवंत ! आप आज्ञा दिजिए, दिवस संबंधी लगे पापोकी आलोचना करूं । आज्ञा है । आलोचना करो ।
हर पापोका कथन
जो मे देवसिओ अईयारो कओ, काईओ, वाईओ,
माणसिओ, उस्तो उम्मग्गो, अकप्पो, अकरणिज्जो, दुज्झाओ, दुव्विचिंतिओ, अणायारो, अणिच्छिअव्वो, असावगपाउग्गो, नाणे, दंसणे, चरित्ताचरिते, सुए, सामाईए, तिन्हं गुत्तीणं, चउण्हं कसायाणं, पंचण्हमणुव्वयाणं, तिन्हं गुणव्वयाणं,
चउन्हं सिक्खाव्वयाणं, बारसविहस्स सावग धम्मस्स, जं खंडिअं, जं विराहिअं, तस्स मिच्छामि दुक्कडं ।
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काया द्वारा, वाणी द्वारा, मन द्वारा, उत्सूत्र कहने से, उन्मार्ग में चलने से, अकल्पनीय वर्तन करने से, अकरणीय कार्य करने से, दुष्ट ध्यान करने से, दुष्ट चिंतन करने से, अनाचार करने से, अनिच्छित वर्तन से, श्रावकके योग्य व्यवहारसे विरुद्ध आचरण करने से, ज्ञान संबंधी, दर्शन संबंधी, देश - विरति चारित्र संबंधी,