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त्यत्सकथापि जगतां दुरितानि इन्ति ।
दूरे सहसकिरणा कुरुते प्रमेय पदमाकरेषु जलजानि विकासमानि IRII
जिस प्रकार अरुणोदय के समय सहयरश्मि सूर्य तो बहुत दूर रहता है, किन्तु उसकी कोमल प्रभाका स्पर्शही सरोवर में मुरझाये, अलसाये कमालों को विकसित कर देता है। उसी प्रकार जिनेवारदेया समस्त दोषों और पापों का नाश करने वाले आपके स्तोत्र की असीम शक्ति का तो कहना ही क्या, किन्तु अदा-भक्तिपूर्वक किया गया आपका नाम उच्चारण भी जगत-जीयों के पापों का नाश कर उन्हों पवित्र बना देता है। IRI
સુઈના ઉદય થતાં પહેલાં જ, માત્ર તેની સૌમ્ય અખાનો સ્પર્શ થતો જ સરોવરના કંથળો જેમ ની Nી ઠ છે, નેમ પાપનારી એ વા તમારા સ્તોત્રની વાત તો દૂર રહો, માત્ર તમારી भासवनी रियासममाया भयवा तमाश नाम मसालाना પ્રાણીમોનાં પાપો નષ્ટ થાય છે, હ.
The sun is far away but its light makes flowers blossom Bhagawan, you too are far away but the power of your teachings cleanse the soul and have a profound impact upon all life.(9)