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धाउए भू सत्तायां परस्मैभाषा, एध वृद्धौ, स्पर्द्ध संहर्षे, गाधृ प्रतिष्ठा - लिप्सयोर्ग्रन्थे च, वा लोडने से तं धाउए ।
३११. (प्र.) धातुजनाम क्या है ?
(उ.) धातु से बनने वाला नाम, जैसे- परस्मैपदी भू धातु सत्ता अर्थ में है, एध धातु वृद्धि अर्थ में, स्पर्द्धा धातु संघर्ष अर्थ में, गाधृ धातु-प्रतिष्ठा, लिप्सा और ग्रन्थ अर्थ में, बाधृ धातु विलोडन अर्थ में है । ये धातुजनाम के उदाहरण हैं।
(3) DHATUJ NAAM
311. (Q.) What is this Dhatuj bhaava pramana naam (according to perfect validity, a name based on verbal roots)?
(Ans.) The (examples of) Dhatuj bhaava pramana naam (according to perfect validity, a name based on verbal roots) are as follows
Bhu (is a verbal root) in the sense of 'to exist' and is in the active form, Edha (is a verbal root) in the sense of 'to increase' or 'to rise', Spardha (is a verbal root) in the sense of 'to exercise rivalry or envy', Gadhri (is a verbal root) in the sense of 'to stand firmly'; 'to desire' and 'to string together' Badhri (is a verbal root) in the sense of 'to agitate'.
This concludes the description of Dhatuj bhaava pramana naam (according to perfect validity, a name based on verbal roots). (४) निरुक्तिजनाम
३१२. से किं तं निरुत्तिए ?
निरुत्तिए - मह्यां शेते महिषः, भ्रमति च रौति च भ्रमरः, मुहुर्मुहुर्लसति मुसलं, कपिरिव लम्बते त्थच्च करोति कपित्थं, चिदिति करोति खल्लं च भवति चिक्खल्लं, ऊर्ध्वकर्णः उलूकः, मेखस्य माला मेखला । से तं निरुत्तिए। से तं भावप्पमाणे। से तं पमाणनामे । से तं दसनामे से तं नामे ।
३१२. (प्र.) निरुक्तिजनाम क्या है ?
(उ.) निरुक्ति (व्युत्पत्ति) से होने वाला निरुक्तिजनाम है, जैसे - मह्यां शेते महिषः - पृथ्वी पर सोता है, इसलिए वह महिष - भैंसा । भ्रमति रौति इति भ्रमरः - जो भ्रमण और गुंजन शब्द
दसनाम-प्रकरण
॥ नामे त्ति पयं सम्मत्तं ॥
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The Discussion on Das Naam
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