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(उत्तर) नो-आगमतः द्रव्य आवश्यक तीन प्रकार का है-(१) ज्ञायक शरीर द्रव्य आवश्यक, (२) भव्य शरीर द्रव्य आवश्यक, (३) ज्ञायक शरीर-भव्य शरीर तट व्यतिरिक्त द्रव्य आवश्यक। (2) NO-AGAMATAH DRAVYA AVASHYAK ___16. (Question) What is no-agamatah dravya avashyak (physical avashyak without scriptural knowledge) ?
(Answer) No-agamatah dravya avashyak (physical avashyak without scriptural knowledge) is of three types— (1) Jnayak sharir dravya avashyak, (2) Bhavya sharir dravya avashyak, and (3) Jnayak sharir-bhavya sharir vyatirikta dravya avashyak. (१) ज्ञायक शरीर द्रव्य आवश्यक १७. से किं तं जाणगसरीरदव्वावस्सयं ?
जाणगसरीरदव्यावस्सयं-आवस्सए त्ति पयत्याधिगारजाणगस्स जं सरीरयं ववगयचुय-चाविय-चत्तदेहं जीवविप्पजढं सेज्जागयं वा संथारगयं वा सिद्धसिलातलगयं वा पासित्ता णं कोइ वएजा-अहो ! णं इमेणं सरीरमुस्सएणं जिणदिटेणं भावेणं आवस्सए त्ति पयं आघवियं पण्णवियं परूवियं दंसियं निदंसियं उवदंसियं।
जहा को दिदैतो ? अयं महुकुंभे आसी, अयं घयकुंभे आसी। से तं जाणगसरीर दव्यावस्सयं।
१७. (प्रश्न) ज्ञायक शरीर द्रव्य आवश्यक क्या है?
(उत्तर) ज्ञायक शरीर द्रव्य आवश्यक इस प्रकार है-यह आवश्यक पद के अर्थाधिकार को जानने वाले का ऐसा शरीर है, जो व्यपगत है-चेतनारहित है। च्युतआयुष्यकर्म के क्षय होने से प्राण चले गये हैं-च्यावित अथवा शस्त्रादि प्रयोग से जिसे प्राणरहित किया गया है। त्यक्तदेह-अनशन आदि द्वारा जीव से विप्रमुक्त है। (इसका कारण यह है कि) उस शरीर को शय्या, बिछौने, श्मशान भूमि या सिद्धशिला तल पर देखकर यह सामान्य बात है कि कोई कहे-अहो (आश्चर्य है) इस पौद्गलिक शरीर ने आवश्यक प्रकरण
( ४९ ) The Discussion on Essentials
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