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(10) Varadaye (varatak)—Things made of shells like kaudi and conch shells.
All these are examples of unrealistic notional installations. (३) द्रव्य आवश्यक
१३. से किं तं दव्वावस्सयं ? दव्वावस्मयं दुविहं पण्णत्तं। तं जहा-१आगमतो य २ णो आगमतो य। १३. (प्रश्न) द्रव्य आवश्यक किसे कहते हैं ?
(उत्तर) द्रव्य आवश्यक दो प्रकार का है-(१) आगमतः (ज्ञान की अपेक्षा से), और (२) नो-आगमतः (मात्र क्रिया की अपेक्षा) से। (3) DRAVYA AVASHYAK
(PHYSICAL ASPECT OF AVASHYAK) ____13. (Question) What is dravya avashyak (physical aspect of avashyak) ?
(Answer) Dravya avashyak (physical aspect of avashyak) is of two kinds—(1) Agamatah dravya avashyak (physical aspect of avashyak in context of Agam or in context of knowledge), and (2) No-Agamatah dravya avashyak (physical aspect of avashyak not in context of Agam or only in context of action).
विवेचन-द्रव्य शब्द के अनेक अर्थ हैं। वृत्तिकार के अनुसार यहाँ द्रव्य शब्द का अर्थ है, जो भूतकालीन और भविष्यकालीन भावों/दशाओं का मूल कारण होता है उसे द्रव्य कहा है। वह चेतन या अचेतन दोनों प्रकार का होता है। जैसे
भूतस्य भाविनो वा भावस्य हि कारणं तु यल्लोके।
तद् द्रव्यं तत्त्वज्ञैः स चेतनाऽचेतनं कथितम्॥ उदाहरण के रूप में भविष्य में होने वाले जिन भगवान का जीव छद्मस्थ अवस्था में भी 'जिन' कहा जाता है तथा जिनेश्वर देव की निष्प्राण देह भी 'जिन' कही जाती है। तत्त्व दृष्टि से यह दोनों ही 'द्रव्य जिन' हैं। (पंचाध्यायी पूर्वार्द्ध) आवश्यक प्रकरण
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The Discussion on Essentials
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