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| चित्र परिचय ३
Illustration No. 3 स्थापना के दस भेद आकृतियों में किसी वस्तु या व्यक्ति विशेष नाम की स्थापना करना स्थापना निक्षेप समझना चाहिए। इसके अनेक भेद हैं। जैसे
(१) काष्ठ कर्म-काठ में इन्द्र स्कन्द आदि किसी की कल्पित आकृति स्थापित करना। (२) चित्र कर्म-चित्र में लक्ष्मी, सरस्वती आदि किसी आकृति की स्थापना करना। (३) पुस्तकर्म-कपड़े की पुतली या ताड़पत्र आदि पर लिखित पुस्तक व चित्र आदि। (४) लेप्य कर्म-मिट्टी आदि के लेपसे निर्मित प्रतिमा या दीवार पर सोंधिया, पहरेदार आदि के चित्र। (५) ग्रंथिम कर्म-वस्त्र, रस्सी या धागे आदि में गाँठे डालकर माला वृषभ आदि की कोई आकृति बनाना। (६) वेष्टिम कर्म-फूलों से गूंथकर हाथी आदि कोई आकृति बनाना। (७) पूरिम-पीतल, चाँदी, चूना, प्लास्टर आदि की प्रतिमा जो भीतर से पोली होती है। (८) संघातिम-वस्त्र के छोटे-छोटे रंग-बिरंगे टुकड़ों को जोड़कर मनुष्य आदि की बनाई हुई आकृति। (९) अक्ष कर्म-पासों या मोहरों से बनी आकृति। (१०) वराटक-कौड़ी या, सीप शंख आदि से बनी आकृति।
-सूत्र १० TEN TYPES OF STHAPANA The unrealistic notional installations of some specific thing or person in some images is called sthapana nikshep. This is done through many medias like
(1) Kast karma (wood work)—An imaginary form of deities like Indra and Skanda made of wood.
(2) Chitra karma (painting)-Image of Lakshmi, Sarasvati, or other deities painted on paper or other surface.
(3) Pusta karma-Dolls made of cloth; text or images written or drawn on, palm-leaf, or other surfaces.
(4) Lepya karma--Images made by plastering or moulding damp clay; also frescoes painted on walls.
(5) Granthim (made by stringing)—Garlands or shapes like a bull made by knitting or knotting cloth, cord, or thread.
(6) Veshtim (entwining)-Things, such as shape of an elephant, made by entwining flowers.
(7) Purim (made by filling or pouring)-Hollow images made of brass, silver, lime-mortar, plaster, etc.
(8) Sanghatim (made by interweaving or entwining)-Human or other form made by entwining or joining multicolored pieces of cloth.
(9) Aksha karma-Images made of blocks or dices. (10) Varatak-Images made of shells like kaudi and conch shells.
-Sutra : 10
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