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एगगुणसुरभिगंधे दुगुणसुरभिगंधे जाव अणंतगुणसुरभिगंधे एवं दुरभिगंधो वि भाणियव्यो। __ एगगुणतित्ते दुगुणतित्ते जाव अणंतगुणतित्ते, एवं कडय-कसाय-अंबिल-महुरा वि भाणियव्वा __एगगुणकक्खडे दुगुणकक्खडे जाव अणंत गुणकक्खडे, एवं मउय-गरु-लहुय-सीत-उसिण-णिद्धलुक्खा वि भाणियव्वा। से तं पज्जवणामे।
२२५. (प्रश्न) पर्यायनाम क्या है? __ (उत्तर) पर्यायनाम के अनेक प्रकार हैं। यथा-एकगुण (अंश) काला, द्विगुणकाला यावत् अनन्तगुणकाला, एकगुणनीला, द्विगुणनीला यावत् अनन्तगुणनीला तथा इसी प्रकार लोहित (रक्त), हारिद्र (पीत) और शुक्लवर्ण की पर्यायों के नाम भी कहना चाहिए।
एकगुणसुरभिगंध, द्विगुणसुरभिगंध यावत् अनन्तगुणसुरभिगंध, इसी प्रकार दुरभिगंध के विषय में भी कहना चाहिए।
एकगुणतिक्त, द्विगुणतिक्त यावत् अनन्तगुणतिक्त, इसी प्रकार कटुक, कषाय, अम्ल एवं मधुर रस की पर्यायों के विषय में भी कहना चाहिए। ___ एकगुणकर्कश, द्विगुणकर्कश यावत् अनन्तगुणकर्कश, इसी प्रकार मृदु, गुरु, लघु, शीत, उष्ण, स्निग्ध, रूक्ष स्पर्श की पर्यायों की वक्तव्यता है। (C) PARYAYA-NAMA
225. (Question) What is this Paryaya-nama (modename)?
(Answer) Paryaya-nama (mode-name) is of many types—One unit black (minimum), two unit black (twice as black as the earlier one), and so on up to infinite unit black. One unit blue (minimum), two unit blue (twice as blue as the earlier one), and so on up to infinite unit blue. Same statement goes for modes of red, yellow, and white colours also.
2) अनुयोगद्वार सूत्र
( ३४० )
Illustrated Anuyogadvar Sutra
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