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structure-name), (3) Tryasra Samsthana-nama (triangular structure-name), (4) Chaturasra Samsthana-nama (square structure-name), and (5) Ayat Samsthana-nama (rectangular structure-name).
This concludes the description of Samsthana-nama (structure-name). This also concludes the description of Guna-nama (attribute-name).
विवेचन-संस्थान के पाँच भेदों का स्वरूप प्रसिद्ध है । जो थाली के समान गोल हो, बीच में किंचिन्मात्र भी खाली स्थान न हो, ऐसा संस्थान परिमण्डलसंस्थान है। जबकि वृत्तसंस्थान चूड़ी के समान (बीच में खाली) गोल होता है। तीन कोण (कोणे) वाले संस्थान को यत्र - त्रिभुज या तिकोना संस्थान कहते हैं। तीनों भुजाओं की लम्बाई चौड़ाई की भिन्नता से यह संस्थान अनेक प्रकार का हो सकता है। चतुरस्रसंस्थान में चारों कोण एवं लम्बाई-चौड़ाई समान होती है, जबकि आयतसंस्थान में चारों कोण समान होने पर भी लम्बाई अधिक और चौड़ाई कम होती है।
Elaboration-These are five popular kinds of structural shapes. Parimandal Samsthana is circular plate-like structure that is round like a dish without any gap in the middle. Vritta Samsthana is circular structure with a gap in the middle such as a ring. Tryasra Samsthana is a three cornered structure like a triangle. With variations in the length of three sides such structure can be of many different types. Chaturasra Samsthana is a four sided structure with all the angles and sides of same proportion like a square. Ayat Samsthana is also a four sided structure with all angles equal but two sides longer then the other two like a rectangle.
(ग) पर्यायनाम
२२५. से किं तं पज्जवनामे ?
पज्जवनामे अणेगविहे पण्णत्ते । तं जहा - एगगुणकालए दुगुणकालए जाव अनंतगुणकालए। एगगुणनीलए दुगुणनीलए जाव अनंतगुणनीलए। एवं लोहिय- हालिद्द - सुक्किला वि भाणियव्या ।
नामाधिकार प्रकरण
( ३३९ )
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The Discussion on Nama
८००५४०४५०१५०४, ५०४, ५०४, ५०४, ५०४, ५०४, ५०४, ५०४, ५०४, ५०४, ५०६५००००
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