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PATHORVAORTHORNHORVAOPOHORVHORRORVAORYAAVADANAONLAOAMAONLAODMAOLLAODNAOIYAOMIowronTKORAONTAORTAORTIONAOINoormonionline
___एगदव्वं पुडुच्च लोगस्स संखेज्जइभागे वा होज्जा, असंखेज्जइभागे वा होज्जा, १ संखेज्जेसु भागेसु वा होज्जा, असंखेजेसु भागेसु वा होज्जा, सव्वलोए वा होज्जा। नाणादव्वाइं पडुच्च नियमा सबलोए होज्जा।
१०८. (प्रश्न १) नैगम और व्यवहारनयसम्मत आनुपूर्वी द्रव्य (क्षेत्र के) कितने
भाग में अवगाढ (स्थित) हैं। (१) क्या लोक के संख्यातवें भाग में हैं ? (२) असंख्यातवें [ भाग में है ? (३) क्या संख्यात भागों में हैं ? (४) असंख्यात भागों में हैं। (५) अथवा समस्त लोक में हैं ?
(उत्तर) किसी एक आनुपूर्वीद्रव्य की अपेक्षा कोई लोक के संख्यातवें भाग में रहता है, कोई लोक के असंख्यातवें भाग में रहता है तथा कोई लोक के संख्यात भागों में रहता है और कोई असंख्यात भागों में रहता है और कोई एक द्रव्य समूचे लोक में रहता है। किन्तु अनेक द्रव्यों की अपेक्षा तो वे नियमतः समस्त लोक में अवगाढ हैं। (3) KSHETRA-DVAR ____ 108. (Question 1) In what area or section of the universe (occupied space) do the naigam-vyavahar naya sammat anupurvi dravya (sequential substances conforming to coordinated and particularized viewpoints) exist. Are they in its numerable fraction ? Are they in its innumerable (infinitesimal) fraction ? Are they in its numerable sections ? Are they in its innumerable sections ? or Are they in the whole universe ? __ (Answer) With respect to a single anupurvi (sequential) substance, some exist in numerable fractions of the universe, some in its innumerable (infinitesimal) fractions, some in its numerable sections, some in its innumerable sections and some in the whole universe. But with respect to many substances, as a rule, they occupy the whole universe.
(२) नेगम-ववहाराणं अणाणुपुब्बीदव्वाइं किं लोगस्स संखेज्जइभागे होज्जा ? असंखेज्जइभागे होज्जा ? संखेजेसु भागेसु होज्जा ? असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा ? सब्बलोए वा होज्जा ? आनुपूर्वी प्रकरण
( १७३ )
The Discussion on Anupurvi
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