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The kinds of upakram that deal with sachitt dravya, achitta dravya and mishra dravya are called sachitt dravya upakram, achitta dravya upakram and mishra dravya upakram (other than the said two) respectively. These will be elaborated in the following aphorisms
(१) सचित्त द्रव्य उपक्रम
७९. से किं तं सचित्तदव्वोवक्कमे ?
सचित्तदव्बोवक्कमे तिविहे पण्णत्ते । तं जहा - ( १ ) दुपयाणं, (२) चउप्पयाणं, (३) अपयाणं । एक्केक्के दुविहे - ( १ ) परिकम्मे य ( २ ) वत्थुविणासे य ।
७९. (प्रश्न ) सचित्त द्रव्य उपक्रम क्या है ?
(उत्तर) सचित्त द्रव्य उपक्रम तीन प्रकार का है । यथा - (१) द्विपद- दो पैर वाले मनुष्यादि द्रव्यों का उपक्रम, (२) चतुष्पद - चार पैर वाले पशु आदि का उपक्रम, (३) अपद - बिना पैर वाले वृक्षादि द्रव्यों का उपक्रम । इनमें से प्रत्येक उपक्रम दो-दो प्रकार के हैं - ( १ ) परिकर्म द्रव्य उपक्रम, (२) वस्तुविनाश द्रव्य उपक्रम |
(1) SACHITT DRAVYA UPAKRAM
79. (Question) What is this sachitt dravya upakram (physical upakram pertaining to the living)?
(Answer) Sachitt dravya-upakram (physical upakram pertaining to the living) is of three types-(1) dvipad or pertaining to bipads, (2) chatushpad or pertaining to quadrupads, and ( 3 ) apad or pertaining to those without feet. Each of these have two sub-categories – (1) parikarma dravya upakram ( nourishment oriented) and (2) vastuvinash dravya upakram ( destruction oriented).
विवेचन- यहाँ उपक्रम का प्रयोग प्रारम्भ करने के अर्थ में किया गया है। इस सूत्र में उपक्रम की प्रक्रिया दो तरह से बताई है - परिकर्म रूप और वस्तुविनाश रूप । मनुष्य, पशु व वृक्ष आदि को घी, दूध, चारा से पुष्ट करना, जल- खाद आदि से संवर्द्धन करना परिकर्म है तथा हानिकारक तत्त्वों व शस्त्र आदि से उनको नष्ट करना वस्तुविनाश द्रव्य उपक्रम है।
अनुयोगद्वार सूत्र
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Illustrated Anuyogadvar Sutra
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