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४५. (प्रश्न) वल्कज सूत्र किसे कहते हैं ? (उत्तर) सन आदि से निर्मित सूत्र को वल्कज कहा जाता है। इस प्रकार यह ज्ञायक शरीर-भव्य शरीर व्यतिरिक्त द्रव्य श्रुत का वर्णन पूर्ण हुआ और इसके साथ ही नो-आगमतः द्रव्य श्रुत एवं द्रव्य श्रुत का निरूपण समाप्त हुआ। ____45. (Question) What is vakkayam or valkaj (of bark origin)? ___ (Answer) Yarn made of fiber produced by san (hession) or bark of other trees is called valkaj. ___This concludes the description of jnayak sharir-bhavya sharir vyatirikta dravya shrut (physical shrut other than the body of the knower and the body of the potential knower). This also concludes the description of NoAgamatah dravya shrut (physical shrut without scriptural knowledge) as well as dravya-shrut (physical shrut).
विवेचन-अंडज आदि की व्याख्या-अंडज के रूप में हंसगर्भ का उल्लेख किया गया है। हंस का प्रचलित अर्थ पक्षी विशेष है किन्तु यहाँ इसका अर्थ पतंगा है। ये चतुरिन्द्रिय जाति के जीव हैं, जिसे कोशा भी कहते हैं। गर्भ शब्द भी यहाँ थैली के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। पतंगे के अण्डे से एक कीट (लट) जन्म लेती है। यह लट अपने मुँह से लार निकालती है जो हवा के संपर्क में आते ही तंतु बन जाती है। इस तंतु से यह लट अपने चारों ओर एक थैली बनाकर उसी में बंद हो जाती है। अतः इस तंतु अथवा सूत्र का नाम अंडज है और यह रेशम होता है। (अनुयोगद्वार चूर्णि, पृ. ८६, मुनि जम्बूविजय जी)
बोंड अर्थात् कपास का फल या कोश और उस कपास से बने सूत को बोंडज कहते हैं।
कीट चतुरिन्द्रिय जीव होते हैं। कुछ कीटों की लार से उत्पन्न सूत्र को कीटज कहते हैं यह भी रेशम होता है। पट्ट आदि पाँचों भेद कीटजन्य होने से कीटज कहे जाते हैं। ___ पट्टसूत्र की उत्पत्ति के विषय में ऐसा माना जाता है कि जंगल में सघन लताच्छादित श स्थानों में माँस-पुंज रखकर उसकी आजू-बाजू कुछ अन्तर में ऊँची-नीची अनेक कीलें गाड़ दी की जाती हैं। माँस के लोभी कीट-पतंगे माँस-पुंजों पर मँडराते हैं और कीलों के आसपास घूमकर * अपनी लार को छोड़ते हैं। उस लार को एकत्रित करके जो सूत बनता है, उसे पट्टसूत्र कहते
हैं। (अनुयोगद्वार चूर्णि, पृ. ८७, मुनि जम्बूविजय जी) अनुयोगद्वार सूत्र
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Illustrated Anuyogadvar Sutra
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