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點關節鏡斷斷的腦網路醫聯盟經銷露露端霸霸霸霸霸第 ४८ : तव-नियम-सच्च-संजम-विणयज्जव-खंति-मद्दवरयाणं।
सीलगुणगद्दियाणं, अणुओग-जुगप्पहाणाणं॥ ४९ : सुकुमालकोमलतले, तेसिं पणमामि लक्खणपसत्थे।
पाए पावयणीणं, पडिच्छिय-सएहिं पणिवइए॥ अर्थ-जो शास्त्रों के अर्थ व महार्थ (विशेष अर्थ या व्याख्या) की खान समान हैं, सश्रमणों को आगमवाचना देते समय पूछे हुए प्रश्नों का समाधान करने में जो संतोष का अनुभव कराने वाले हैं और जो प्रकृति से मधुर वाणी वाले हैं ऐसे दूष्यगणि को ससम्मान
प्रणाम करता हूँ। वे तप, नियम, सत्य, संयम, विनय, आर्जव (सरलता), क्षमा, मार्दव ज (नम्रता) आदि गुणों में तत्पर व संलग्न थे। शील आदि गुणों के कारण ख्यातिनामा और
अनुयोग की व्याख्या करने में युग-प्रधान थे। पूर्वोक्त गुणों से सम्पन्न तथा प्रवचनकार ॐ आचार्यों के प्रशस्त लक्षणों से युक्त, सैकड़ों शिष्यों द्वारा पूजित उनके सुकुमार सुन्दर
चरणों में प्रणाम करता हूँ। 5 With all reverence I pay homage to Dooshyagani who was
like a treasure trove of meanings and interpretations of the s 5. scriptures, who imparted satisfaction by clarifying doubts and 55 91 queries posed by able ascetics while giving them discourse of
Agams and who had naturally sweet and soothing voice. He
indulgently practised the virtues like austerity, discipline, si ॐ truth, self-control, humbleness, simplicity, forgiveness and 5 geniality. He was famous for his virtues like celibacy and was
leader of the elaborators of Anuyog of his era. He was in 5 embellished with the said virtues and had the finer qualities of 4 the orator Acharyas. I bow at his delicate and beautiful feet that si
were worshipped by hundreds of disciples. म विवेचन-आचार्य लोहित्य के पश्चात्वर्ती आचार्य दूष्यगणि का भी इस उल्लेख के अतिरिक्त
अन्य कहीं कोई परिचय प्राप्त नहीं होता। उपरोक्त स्तुति से यह प्रतीत होता है कि इस सूत्र के प्रवृत्तिकार देववाचक या देवर्द्धिगणि क्षमाश्रमण इन्हीं दूष्यगणि के शिष्य थे। देवर्द्धिगणि के जन्मादि . 卐 काल की सूचना अनुपलब्ध है किन्तु वल्लभी वाचना उनके सान्निध्य में ही हुई थी अतः वे वी.
नि. ९८० (५११ वि., ५६८ ई.) में विद्यमान थे यह निश्चित है। अतः दूष्यगणि का सत्ता काल - ॐ वीर निर्वाण की दसवीं शताब्दी का मध्य भाग रहा होगा।
Elaboration-Acharya Dushyagani-Like Acharya Lohitya no 5 5 information anywhere is available about his successor Acharya
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युग-प्रधान स्थविर वन्दना
Obeisance of the Era-Leaders 15 中岁岁錯吃货罗斯统贸易戰對醫斯塔斯览器蜀霸霸霸霸第一
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