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E 身步数55555555岁岁岁岁$$$$$$$$$$$$ i mention of his name, no other information is available. That is why U he is being confused with Yuga-pradhanacharya Arya Revati Mitra.
Rut an in-depth study of the periods of the Acharyas of both the lineages reveals that they were two different persons. Arya Revati Nakshatra must have lived some time between 550 to 650 A.N.M. (81 to 181 V., 24 to 124 A.D.). During his tenure the Vachak group progressed considerably.
३६ : अयलपुरा णिक्खते, कालिय-सुय-आणुओगिए धीरे।
बंभद्दीवग-सीहे, वायग-पय-मुत्तमं पत्ते॥ अर्थ-जो अचलपुर में दीक्षित हुए, जो कालिक सूत्रों के गम्भीर व्याख्याता थे और जिन्होंने उत्तम वाचक पद प्राप्त किया, ब्रह्मद्वीपिक शाखा के ऐसे सिंहाचार्य को वन्दना म करता हूँ।
I pay homage to Simhacharya of the Brahmadvipik branch $ who got initiated in Achalpur, who was a great exponent of
Kalik Sutras, and who attained the lofty status of Vachak s. (Vachanacharya).
विवेचन-आर्य रेवती नक्षत्र के पश्चात् आर्य ब्रह्मद्वीपिक सिंह वाचनाचार्य बने। इनके विषय में ॐ भी यह निश्चित मान्यता नहीं है कि ये और युग-प्रधानाचार्य सिंह पृथक् थे या एक ही। ये कालिक 卐 सूत्रों की व्याख्या करने में अत्यन्त निपुण माने गये हैं। युग-प्रधानाचार्य सिंह के काल के विषय में
जो जानकारी उपलब्ध है तदनुसार इनका जन्म वी. नि. ७१० (२४१ वि., १८४ ई.) में, दीक्षा ॐ ७२२ (२५३ वि., १९६ ई.) में तथा स्वर्गवास ८२६ (३५७ वि., ३०० ई.) में हुआ था।
Elaboration-Arya Simha-Arya Brahmadvipik Simha succeeded Arya Revati Nakshatra as Vachanacharya. About him also 4 there is no definite opinion if he was same as Yuga-pradhanacharya 41 Simha or a different person. He has been accepted as a proficient 45 s elaborator of the Kalik Sutras. According to the available information
about Yuga-pradhanacharya Simha, the important dates of his life Hare-Birth-710 A.N.M. (241 V., 184 A.D.). Diksha-722 A.N.M. (253 V., 196 A.D.). Death- 826 A.N.M. (357 V., 300 A.D.). ३७ : जेसिं इमो अणुओगो, पयरइ अज्जावि अड्ढ-भरहम्मि।
बहुनयर-निग्गय-जसे, ते वंदे खंदिलायरिए॥ अर्थ-जिनका यह अनुयोग आज भी अर्द्ध-भरत क्षेत्र में प्रचलित है और जिनका यश अनेक नगरों में फैला हुआ है ऐसे स्कन्दिलाचार्य को वन्दना करता हूँ। युग-प्रधान स्थविर वन्दना
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Obeisance of the Era-Leaders
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