________________
的断货男览等皆与吃货与牙齿%%%%%%%%%%%% % LE WE发
--
--
-
步步步步。
听听$5FFFFFFFFFF5听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听
i Bhang (seven segments of logic split according to varied view 55 $i points, the segmentation of codes to help memorizing and 45
observation, and the related scriptures), Karma Prakriti (the f nature of karma-particles)-beget glory.
विवेचन-आर्य नागहस्ति-आर्य नागहस्ति वाचक वंश में आर्य नन्दिल के पश्चात् वाचनाचार्य ॐ बने। इनके विषय में विशेष सूचना उपलब्ध नहीं है। स्वनामधन्य आचार्य पादलिप्त इन्हीं के शिष्य म थे। इनके सुदीर्घ वाचनाचार्य काल में तीन युग-प्रधानाचार्य हुए-आर्य श्रीगुप्त, आर्य वज्र और आर्य ,
रक्षित। अतः इनका अनुमानित कार्यकाल वी. नि. ४२३ से ५८४ के बीच का कोई समय रहा होगा। 4. Elaboration--Arya Nagahasti-In the Vachak-lineage Arya # Nagahasti succeeded Arya Nandil as Vachanacharya. Not much
information is available about him. The renowned Acharya Paadlıpt
was his disciple. His long tenure as Vachanacharya saw three YugaEpradhanacharyas-Arya Shrigupt, Arya Vajra and Arya Rakshit. 4 Therefore his probable period of activity must be some where 卐 between 423 and 584 A.N.M.
३५ : जच्चंजण-धाउसमप्पहाणं, मद्दिय-कुवलय-निहाणं।
वड्ढउ वायगवंसो, रेवइनक्खत्त-नामाणं॥ अर्थ--अंजन धातु के समान नेत्रों को शान्ति प्रदान करने वाली जिनकी प्रभा थी, द्राक्षा तथा कुवलय (नीलकमल) के समान जिनकी कान्ति थी, ऐसे आर्य रेवती नक्षत्र का वाचक ॐ वंश वर्धमान हो।
May the Vachak-lineage of Arya Revati Nakshatra-who had 45 a glow as soothing to the eyes as is Anjan-metal (a metallic
Ayurvedic preparation used as ophthalmic medicine and tonic),
and who had a radiance like blue grapes and blue lotus-be ever 5 expanding.
विवेचन-आर्य रेवती नक्षत्र-आर्य नागहस्ति के पश्चात् आर्य रेवती नक्षत्र वाचनाचार्य बने। # इनके विषय में नामोल्लेख के अतिरिक्त सूचनाओं का अभाव है इस कारण भ्रान्ति वश इन्हें और म युग-प्रधानाचार्य आर्य रेवती मित्र को एक ही व्यक्ति माना जाता था। किन्तु दोनों परम्पराओं के + आचार्यों के काल के सम्बन्ध में गहन विवेचन से स्पष्ट होता है कि ये दोनों भिन्न-भिन्न व्यक्ति थे। * इनका अनुमानित काल वी. नि. ५५0 से ६५० (८१ से १८१ वि., २४ से १२४ ई.) के बीच ॥
का कोई समय रहा होगा। इनके समय में वाचक वंश की उल्लेखनीय अभिवृद्धि हुई थी। __Elaboration-Arya Revati Nakshatra-Arya Revati 4 Nakshatra succeeded Arya Nagahasti as Vachanacharya. Besides the श्री नन्दीसूत्र
( ४२ )
Shri Nandisutra 46 斯先玩完牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙写写牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙的
听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org