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नवम अध्ययन : माकन्दी
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सूत्र ४३ : विभिन्न प्रकार के मणि, सुवर्ण व रत्नों की घंटियाँ, घुँघरू, नूपुर, करधनी आदि आभूषणों की मीठी ध्वनि से सब दिशाओं को गुंजाती हुई वह पापिनी बोली- || ३ ||
43. Filling the surrounding space with the melodious sound of large and small jingle bells of beads, gold and gems attached to her anklets, girdle and other ornaments, that she devil said, -- ( 3 )
सूत्र ४४ : होल वसुल गोल णाह दइत, पिय रमण कंत सामिय णिग्घण णित्थक्क | छिण्ण निक्किव अकयण्णुय सिढिलभाव निल्लज्ज लुक्ख, अकलु जिरक्खि ! मज्झं हिययरक्खगा ॥४॥
सूत्र ४४ : "हे मुग्ध, सुकुमार, कठोर, नाथ! हे दयालु, प्रिय, रमण, कान्त, स्वामी ! हे स्नेह रहित, अवसर - ज्ञान शून्य, पाषाण हृदय, निर्दय, कृतघ्न, शिथिल - चित्त, निर्लज्ज, रूखे और करुणाहीन निरक्षित ! तुम ही मेरे प्राणों (हृदय) के रक्षक हो ! ॥४॥
44. “0 possessed, tender but hard lord ! O compassionate, beloved, seductive and adorable darling! O apathetic, impractical, rock-hearted, cruel, thankless, listless, shameless, dry and pitiless Jinarakshit! you are my only guardian angel. (4)
सूत्र ४५ : न हु जुज्जसि एक्कियं अणाहं,
अबंधवं तुज्झ चलणओवायकारियं उज्झिउमहणणं । गुणसंकर ! अहं तु विहूणा,
ण समत्था वि जीविउं खणं पि ॥ ५ ॥
सूत्र ४५ : "मुझ अकेली, अनाथ, बान्धवहीन और तुम्हारी हतभागिनी चरणसेवक को त्याग देना तुम्हारे लिए शोभनीय नहीं है। हे गुण-पुँज ! मैं तुम्हारे बिना क्षण भर जीवित रहने में भी समर्थ नहीं हूँ॥५॥
45. “It is not befitting you to abandon me who is lonely, orphan, friendless and your ill fated slave. O abode of virtues! It is impossible for me to live in your absence even for a second. (5)
सूत्र ४६ : इमस्स उ अणेग इस मगर - विविधसावय-सयाउल घरस्स
रयणागरस्स मज्झे । अप्पाणं वहेमि
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तुझ पुरओ एहि,
णियत्ताहि इ सि कुविओ खमाहि एक्कावराहं मे ॥ ६ ॥
CHAPTER-9 : MAKANDI
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