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________________ LEDUUUUUUUUUUUUUUUUUUU 12 नवम अध्ययन : माकन्दी ( २३ ) 2 15 दक्षिण दिशा के वन का रहस्य ___ सूत्र २७ : तए णं गंधे निद्धाति से जहानामए अहिमडेइ वा जाव अणि?तराए चेव। २ तए णं ते मागंदियदारया तेणं असुभेणं गंधेणं अभिभूया समाणा सएहिं सएहिं उत्तरिज्जेहि । B आसाइं पिहेंति, पिहित्ता जेणेव दक्खिणिल्ले वणसंडे तेणेव उवागया। 12 सूत्र २७ : कुछ दूर चलते-चलते दक्षिण दिशा से तीव्र दुर्गन्ध आने लगी। ऐसा लगता था जैसे 15 किसी मृत सर्प अथवा अन्य पशु की सड़ी देह से निकली सड़ांध हो या कि कोई उससे भी अधिक 15 अनिष्टकर अप्रिय दुर्गन्ध हो। र माकन्दी पुत्रों ने उस अशुभ गंध से घबराकर अपने उत्तरीय वस्त्रों से मुँह ढक लिये और आगे दी 15 दक्षिण दिशा वाले वनखण्ड में जा पहुंचे। 15 THE SECRET 27. After covering some distance an obnoxious stench came from the 15 south. It appeared to be the stench of the decomposed corpse of a snake or 5 some other animal. In fact, it was even more obnoxious and repelling than 5 that. 12. The sons of Makandi, disturbed by the stench, covered their faces with 5 their shawls and entered the southern garden. र सूत्र २८ : तत्थणं महं एगं आघायणं पासंति, पासित्ता अद्वियरासिसतसंकुलं भीमदरिसणिज्ज 15 एगं च तत्थ सूलाइतयं पुरिसं कलुणाई विस्सराई कट्ठाई कुव्वमाणं पासंति, पासित्ता भीया जाव द र संजायभया जेणेव से सूलाइयपुरिसे तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता तं सूलाइयं पुरिसं एवं ड र वयासीर ‘एस णं देवाणुप्पिया ! कस्साघायणे? तुमं च णं के कओ वा इहं हव्वमागए? केण वा 5 इमेयारूवं आवई पाविए?' र सूत्र २८ : वहाँ उन्होंने एक विशाल वधस्थल देखा। हड्डियों के ढेरों से भरे उस भयावह स्थल ड र पर उन्होंने सूली पर चढ़ाए एक व्यक्ति को करुण, विरस और कष्टमय क्रन्दन करते देखा। इस द 15 दृश्य से वे बहुत घबरा गये। मन में बड़ा भय उत्पन्न हुआ। फिर भी वे उस सूली पर चढ़े व्यक्ति के डा र निकट जा कर बोले15 "हे देवानुप्रिय ! यह वधस्थल किसका है? तुम कौन हो और यहाँ क्यों आये थे? किसने तुम्हें द रे इस विपत्ति में डाला?" 5 28. There they saw a large execution ground. At that awesome place, 15 filled with scattered heaps of bones, they saw a person on a gibbet. He was 15 CHAPTER-9 : MAKANDI ___ (23) G Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.007651
Book TitleAgam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana, Surendra Bothra, Purushottamsingh Sardar
PublisherPadma Prakashan
Publication Year1997
Total Pages467
LanguagePrakrit, English, Hindi
ClassificationBook_English, Book_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, Conduct, & agam_gyatadharmkatha
File Size13 MB
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