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र द्वितीय श्रुतस्कंध : धर्मकथा 15 सूत्र ६८ : इसी प्रकार शेष इकत्तीस अध्ययन दक्षिण दिशा के वाणव्यन्तर देवों की टी
र अग्रमहिषियों के सम्बन्ध में हैं। कमलप्रभा आदि सभी ३१ देवियों ने पूर्व-भव में नागपुर में जन्म डा 5 लिया था, सहसाम्रवन में दीक्षा ली थी, उनके माता-पिता के नाम समरूप थे और उनकी आयु अर्ध टी र पल्योपम है। 5 68. Similarly the remaining thirty one chapters are about the principal टा » queens of the Indras of the Vanavyantar gods (a class of demigods) of the ci 2 south. All these thirty two goddesses in their earlier incarnations were SI 5 born in Nagapur, initiated in the Sahasramravan garden, the names of 5 their parents followed the same pattern, and their life spans are half
palyopam.
॥ पंचमो वग्गो समत्तो ॥ ॥ पंचम वर्ग समाप्त ॥
II END OF FIFTH SECTION II
Es.
15 SECOND SECTION : DHARMA KATHA
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