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छट्टो वग्गो-षष्ठ वर्ग
SIXTH SECTION
१-३२ अध्ययन CHAPTERS 1-32
सूत्र ६९ : छट्ठो वि वग्गो पंचमवग्गसरिसो। णवरं महाकालिंदाणं उत्तरिल्लाणं इंदाणं डा अग्गमहिसीओ। र पुव्वभवे सागेयनयरे, उत्तरकुरु-उज्जाणे, माया-पिया धूया सरिसणामया। सेसं तं चेव। __ सूत्र ६९ : छठा वर्ग पाँचवें वर्ग के समान ही है। विशेषता यह है कि इसमें उत्तर दिशा के
आठ इन्द्रों की बत्तीस अग्रमहिषियों के वर्णन हैं। ये सभी अपने पूर्व-भव में साकेत नगर में उत्पन्न ड रहुईं तथा उत्तरकुरु नामक उद्यान में दीक्षित हुईं। इन सभी के माता-पिताओं के नाम इसके नामों के 15समरूप थे। शेष सभी वर्णन पूर्ववत् है। र 69. The sixth section is just like the fifth section the only difference being 5 that it discusses the thirty two principal queens of the eight Indras of the north. In their earlier incarnations they all were born in the Saket city, were initiated in the Uttarkuru garden, and the names of their parents followed the same pattern. All other details are as already mentioned.
॥ छट्ठो वग्गो समत्तो ॥
॥ षष्ठ वर्ग समाप्त ॥ || END OF SIXTH SECTION ||
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JNĀTĀ DHARMA KATHĀNGA SŪTRA ? FnnnnnnnAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAA'
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