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सोलहवाँ अध्ययन : अमरकंका
( २४९ ) हा 5 The five Pandavs collected their weapons, got ready and boarded their si 15 chariots. They approached King Padmanaabh, resolved, "Today either King S
Padmanaabh will perish or we," and jumped into the battle. E सूत्र १७९ : तए णं से पउमनाभे राया ते पंच पंडवे खिप्पामेव हय-महिय-पवरवीर
घाइयविवडिय-चिंधद्धय-पडागे जाव दिसोदिसिं पडिसेहेइ। तए णं ते पंच पंडवा पउमणाभेणं र रण्णा हय-महियपवरवीर-घाइयविवडिय जाव पडिसेहिया समाणा अत्थामा जाव अधारणिज्ज द 5 मिति कट्टु जेणेव कण्हे वासुदेव तेणेव उवागच्छंति। र तए णं से कण्हे वासुदेवे ते पंच पंडवे एवं वयासी-'कहण्णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! पउमनाभेणं 5 रण्णा सद्धिं संपलग्गा?' र तए णं ते पंच पंडवा कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-‘एवं खुल देवाणुप्पिया ! अम्हे तुब्भेहिं दी 5 अब्भणुन्नाया समाणा सन्नद्ध-बद्ध-वम्मिय-कवया रहे दुरुहामो, दुरुहित्ता जेणेव पउमणाभे जाव 5 2 पडिसेहेइ।' 5 सूत्र १७९ : देखते ही देखते राजा पद्मनाभ ने शस्त्रों से प्रहार कर पाँचों पाण्डवों के अहंकार २ का मर्दन कर दिया और उनकी श्रेष्ठ चिह्न वाली पताका गिरा दी। राजा पद्मनाभ द्वारा खदेड़े हुए, ह र शत्रु को पराजित करने में असमर्थ व हताश हुए वे पाँचों पाण्डव कृष्ण वासुदेव के पास लौट ट 5 आये। कृष्ण वासुदेव ने कहा-'देवानुप्रियो ! तुम किस संकल्प के साथ राजा पद्मनाभ से युद्ध में ड र संलग्न हुए थे।" 5 पाण्डवों ने अपने अभियान का पूरा वर्णन करके बताया-“देवानुप्रिय ! हमारा संकल्प था- द 5'आज या तो हम हैं या राजा पद्मनाभ है।' इस संकल्प के साथ हम रथ पर आरूढ़ होकर उसके । र समक्ष गये, पर उसने हमें प्रतिहत-पराजित कर भगा दिया।" 5 179. Within no time King Padmanaabh crushed the ego of the five SI » Pandavs with a barrage of blows with his weapons and cut down their Pexquisite flag. Pushed back by King Padmanaabh, defeated by their enemy, routed and dejected, the five Pandavs came back to Krishna Vasudev.
Krishna asked, “Beloved of gods! With what resolve did you enter the battle?" 15 The Pandavs detailed their campaign and said, “Beloved of gods! Our 5 resolve was—"Today either King Padmanaabh will perish or we,' and we
boarded our chariots and faced him. But he defeated us and made us Pretreat.” 15 सूत्र १८० : तए णं कण्हे वासुदेवे ते पंच पंडवे एवं वयासी-'जइ णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! Pएवं वयंता-अम्हे, णो पउमणाभे राय त्ति पउमणाभेणं सद्धिं संपलग्गंता, तो णं तुब्भे णो पउमनाहे हय-महियपवर जाव पडिसेहंते। तं पेच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! 'अहं, णो पउमणाभे डा
TER-16: AMARKANKA
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