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प्रज्ज्ज्ज
त र ( २४८ )
ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र || 15 लाओ।" सेनापति ने कुशल आचार्य के उपदेश से उत्पन्न हुई बुद्धि की कल्पना के विकल्पों (अनेक
र प्रकार की युक्तियों) में निपुण पुरुषों से श्रेष्ठ हाथी का अभिषेक करवा कर उसे राजा के सामने । र उपस्थित किया। वह उज्ज्वल वस्त्र से ढका और सुसज्जित था। राजा पद्मनाभ कवच आदि धारण ट 15 करके सज्जित हुआ और उस अभिषिक्त हाथी पर आरूढ़ हुआ। अपनी चतुरंगिणी सेना के साथ ड
उसने कृष्ण वासुदेव के पड़ाव की ओर प्रस्थान किया। 15 177. After dismissing the emissary of Krishna, King Padmanaabh called 15 his commander-in-chief and said, “Beloved of gods! Equip an anointed l > elephant of the best breed for war and bring it here." The commander got a SI
good and pedigreed elephant selected and anointed by proficient exponents of the field, trained by experts of the subject, and produced it before the king. It 2 was duly covered with white cloth, decorated and equipped. King Padmanaabh got ready after putting on his armour, etc. and rode that
anointed elephant. He marched with his armies towards the camp.of Krishna. 5 पाण्डवों की हार ___ सूत्र १७८ : तए णं से कण्हे वासुदेवे पउमनाभं रायाणं एज्जमाणं पासइ, पासित्ता ते पंच द
पंडवे एवं वयासी-'हं भो दारगा ! किं तुब्भे पउमनाभेणं सद्धिं जुज्झिहिह उदाहु पेच्छिहिह?' 5 तए णं पंच पंडवा कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-'अम्हे णं सामी ! जुज्झामो, तुब्भे पेच्छह।' दा 5 तए णं पंच पंडवे सन्नद्ध जाव पहरणा रहे दुरुहंति, दुरुहित्ता जेणेव पउमनाभे राया तेणेव से र उवागच्छंति, उवागच्छित्ता एवं वयासी-'अम्हे वा पउमणाभे वा राय त्ति कट्ट पउमनाभेणं सद्धिं डा B संपलग्गा यावि होत्था।
सूत्र १७८ : जब कृष्ण वासुदेव ने राजा पद्मनाभ को आते देखा तो वे पाँचों पाण्डवों से बोले-ड 5 "अरे बालको ! तुम पद्मनाभ के साथ युद्ध करोगे या केवल युद्ध देखोगे ही?"
पाण्डवों ने उत्तर दिया-"स्वामी ! हम युद्ध करेंगे आप केवल देखिए।"
पाँचों पाण्डव अस्त्र-शस्त्र ले तैयार हो रथों पर सवार हुए और राजा पद्मनाभ के निकट पहुँचे। द मन में यह संकल्प करके कि “आज या तो हम हैं या राजा पद्मनाभ हैं'' वे युद्ध में कूद पड़े।। DEFEAT OF PANDAVS
178. When Krishna Vasudev saw King Padmanaabh coming he asked the five Pandavs, "Children! Would you like to fight King Padmanaabh or want
to remain spectators only?" B The Pandavs replied, “Sir! We shall fight; you just watch."
JNĀTĀ DHARMA KATHĂNGA SŪTRA S Sinnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnny
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