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IP) सोलहवाँ अध्ययन : अमरकंका
( २३३ ) डा 5 five Pandavs and lives with any other man as wife. However, in order to a 15 honour your wish I will at once bring Draupadi here.” And the friendly god 5 left for Hastinapur with divine speed over the sea. द्रौपदी का अपहरण
सूत्र १४५ : तेणं कालेणं तेणं समएणं हत्थिणाउरे जुहिट्टिले राया दोवईए देवीए सद्धिं 15 आगासतलंसि सुहपसुत्ते यावि होत्था।
सूत्र १४५ : काल के उस भाग में हस्तिनापुर नगर में राजा युधिष्ठिर द्रौपदी के साथ महल की 15 छत पर सुख से सोया हुआ था। 5 KIDNAPPING OF DRAUPADI
___145. During that period of time in Hastinapur city Yudhishthir was 5 sleeping with Draupadi at the roof top of his palace. र सूत्र १४६ : तए णं से पुव्वसंगतिए देवे जेणेव जुहिट्ठिले राया, जेणेव दोवई देवी, तेणेव डा 15 उवागच्छइ, उवागच्छित्ता दोवईए देवीए ओसोवणियं दलयइ, दलइत्ता दोवई देविं गिण्हइट 15 गिण्हित्ता, ताए उक्किट्ठाए जाव देवगईए जेणेव अमरकंका, जेणेव पउमणाभस्स भवणे, तेणेव डा
र उवागच्छइ, उवागच्छित्ता पउमणाभस्स भवणंसि असोगवणियाए दोवइं देविं ठावेइ, ठाविता 15 ओसोवणिं अवहरइ, अवहरित्ता जेणेव पउमणाभे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता एवं वयासी- दा
र 'एस णं देवाणुप्पिया ! मए हथिणाउराओ दोवई देवी इह हव्यमाणीया, तव असोगवणियाए । 15 चिट्ठइ, अतो परं तुमं जाणसि' त्ति कट्ट जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए।
र सूत्र १४६ : वह पूर्वसांगतिक (परिचित) मित्र देव वहाँ पहुँचा और उसने द्रौपदी देवी कोड 15 अवस्वापिनी (गहरी) निद्रा में सुला दिया। फिर द्रौपदी देवी को उठाकर उत्कृष्ट तीव्र गति से द 15 अमरकंका लौट राजा पद्मनाभ के महल में पहँचा। वहाँ अशोकवाटिका में द्रौपदी देवी को रख दिया दा
र और अवस्वापिनी निद्रा से उसे जगा दिया। वह देव तब राजा पद्मनाभ के पास गया और बोला15 “देवानुप्रिय ! मैं हस्तिनापुर से द्रौपदी देवी को यहाँ ले आया हूँ। वह तुम्हारी अशोकवाटिका में है। दी 15 इससे आगे तुम जानो।" यह कहकर वह देव अपने स्थान को चला गया।
र 146. The friendly god arrived there and put Draupadi to deep sleep. He 15 lifted Draupadi, returned to Amarkanka with very high divine speed and 15 delivered her at the palace of King Padmanaabh. After placing her in the 5 Ashok garden of the palace he released her from the deep sleep. He went to ♡ $ King Padmanaabh and said, “Beloved of gods! I have brought Draupadi hereç
from Hastinapur. She is in your Ashok garden. From here on you handle your own affairs." And the god left for his abode.
5 CHAPTER-16 : AMARKANKA
( 233) Finnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnni
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