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२ सोलहवाँ अध्ययन : अमरकंका
( २१३ ) 5 PREPARATIONS FOR WELCOME
103. King Drupad once again called his servants and instructed, “Beloved of gods! Go out of the town and select a spot on the bank of the Ganges which
is neither very far nor very near Kampilyapur city and erect a large 5 Svayamvar pavilion. It should have hundreds of beautifully decorated pillars
embellished with motifs of dancing girls. This pavilion should be enchanting, C 15 beautiful, grand, and inviting.” The servants did as told and reported back. र सूत्र १०४ : तए णं से दुवए राया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासीके खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! वासुदेवपामोक्खाणं बहूणं रायसहस्साणं आवासे करेह।' ते विड र करित्ता पच्चप्पिणंति। २ सूत्र १०४ : राजा द्रुपद ने पुनः सेवकों को बुलाकर कहा-“देवानुप्रियो ! शीघ्रता से वासुदेव । र आदि अनेक हज़ारों राजाओं के लिए आवास तैयार करो।" सेवकों ने आवास की व्यवस्था कर द 5 सूचना दी। र 104. King Drupad once again called his staff and said, “Beloved of gods! Pl
Make arrangements for the stay of Krishna Vasudev and other thousands of 15 kings.” The servants did as told and reported back. र सूत्र १०५ : तए णं दुवए राया वासुदेवपामुक्खाणं बहूणं रायसहस्साणं आगमणं जाणेत्ता ट 5 पत्तेयं पत्तेयं हत्थिखंधं जाव परिवुडे अग्धं च पज्जं च गहाय सव्विड्डीए कंपिल्लपुराओ । र निग्गच्छइ, निग्गच्छित्ता जेणेव ते वासुदेवपामोक्खा बहवे रायसहस्सा तेणेव उवागच्छइ, से 5 उवागच्छित्ता ताई वासुदेवपामोक्खाइं अग्घेण य पज्जेण य सक्कारेइ, सम्माणेइ, सक्कारित्ता डा र सम्माणिता तेसिं वासुदेवपामुक्खाणं पत्तेयं पत्तेयं आवासे वियरइ। 5 सूत्र १०५ : वासुदेव आदि अनेक राजाओं के आगमन की सूचना पाकर राजा द्रुपद स्वयं र हाथी पर बैठकर सुभटों को साथ ले, अर्घ्य (पुष्प आदि) और जल (पाद्य-चरण पखालने के लिए)
लेकर सम्पूर्ण वैभव सहित प्रत्येक राजा का स्वागत करने हेतु नगर से बाहर निकला। जिस स्थान 5 पर वासुदेव आदि राजा आ पहुँचे थे वहाँ जाकर उन सबका अर्घ्य और पाद्य से सत्कार सम्मान र किया और उन्हें पृथक्-पृथक् आवास प्रदान किये। 5 105. When King Drupad got the information about the arrival of the kingss $ including Krishna Vasudev, he himself came out of the city riding an 1 > elephant and with a battalion of guards, all his regalia, and the ]
paraphernalia of traditional welcoming (bouquets of flowers and pots filled i
with water) for each and every royal guest. He reached the spot where the 5 guests had arrived and duly extended traditional welcome by pouring water cl 5 CHAPTER-16 : AMARKANKA
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