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जम र सोलहवाँ अध्ययन : अमरकंका
( २११) डा 5 93. The fourth emissary was sent to Shuktimati city and an invitation ट 15 was extended with due honour to King Shishupal, the son of Damghosh, with
his five hundred brothers. र सूत्र ९४ : पंचमगं दूयं हथिसीसं नगरं, तत्थ णं तुमं दमदंतं नाम रायं करयल तहेव जावट
समोसरह। 5 सूत्र ९४ : पाँचवें दूत को हस्तीशीर्ष नगर भेजा और दमदंत राजा को निमन्त्रण कहलवाया। $ 94. The fifth emissary was sent to Hastisheersh city and an invitation 2 was extended with due honour to King Damdant. 15 सूत्र ९५ : छटुं दूयं महुरं नयरिं, तत्थ णं तुमं धरं रायं करयल तहेव जाव समोसरह। र सूत्र ९५ : छठे दूत को मथुरा नगरी भेजा और राजा धर को निमन्त्रण कहलवाया।
___95. The sixth emissary was sent to Mathura city and an invitation was l P extended with due honour to King Dhar 15 सूत्र ९६ : सत्तमं दूयं रायगिहं नगरं, तत्थ णं तुमं सहदेवं जरासिंधुसुयं करयल तहेव जाव दी
र समोसरह। 15 सूत्र ९६ : सातवें दूत के साथ राजगृह नगर के राजा जरासिन्धु-पुत्र सहदेव को निमन्त्रण द 5 भेजा।
96. The seventh emissary was sent to Rajagriha city and an invitation 15 was extended with due honour to King Sahadev, son of Jarasandh.
र सूत्र ९७ : अट्ठमं दूयं कोडिण्णं नयं, तत्थ तुमं रुप्पिं भेसगसुयं करयल तहेव जाव समोसरह। टा 15 सूत्र ९७ : आठवें दूते के साथ कौण्डिन्य नगर के राजा भीष्मक-पुत्र रुक्मि को निमन्त्रण भेजा। B 97. The eighth emissary was sent to Kaundinya city and an invitation 3 5 was extended with due honour to King Rukmi, son of Bhishmak.
र सूत्र ९८ : नवमं दूयं विराडनगरं। तत्थ णं तुमं कीयगं भाउसयसमग्गं करयल तहेव जावड 15 समोसरह।
र सूत्र ९८ : नौवें दूत के साथ विराट नगर के राजा कीचक को सौ भाइयों के साथ निमन्त्रण भेजा। 15 98. The ninth emissary was sent to Virat city and an invitation was I » extended with due honour to king Keechak and his one hundred brothers. SI 5 सूत्र ९९ : दसमं दूयं अवसेसेसु य गामाऽगरऽनगरेसु अणेगाइं रायसहस्साइं जाव समोसरह। टी र सूत्र ९९ : दसवें दूत को अन्य ग्रामों, आकरों व नगरों में भेज कर अनेक सहस्र राजाओं को ड 15 निमन्त्रण कहलवाया।
APTER-16 : AMARKANKA
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