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ODUDUDU र सोलहवाँ अध्ययन : अमरकंका
( १९३ ) SI E 56. The servants accepted Sagardatt's order and brought the beggar ट
inside the house. They took the earthen ware from his hand and threw them on one side.
When this was done the beggar started crying and wailing loudly. र सूत्र ५७ : तए णं से सागरदत्ते तस्स दमगपुरिस्स तं महया महया आरसियसई सोच्चा । 5 निसम्म कोडुंबियपुरिसे एवं वयासी-'किं णं देवाणुप्पिया ! एस दमगपुरिसे महया महया सद्देण र आरसइ ?'
तए णं ते कोडुबियपुरिसा एवं वयासी-एस णं सामी ! तंसि खंडमल्लगंसि खंडघडगंसि य ई र एगंते एडिज्जमाणंसि महया महया सद्देणं आरसइ।' 15 तए णं से सागरदत्ते सत्थवाहे ते कोडुबियपुरिसे एवं वयासी-'मा णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! S र एयस्स दमगस्स तं खंडं जाव एडेह, पासे ठवेह, जहा णं पत्तियं भवइ।' ते वि तहेव ठविंति। र सूत्र ५७ : जब सागरदत्त ने उस भिखारी का रुदन सुना तो अपने सेवकों से पूछार “देवानुप्रियो ! यह भिखारी इतना क्यों चिल्ला रहा है?' र सेवकों ने उत्तर दिया-"स्वामी ! उसके ठीकरे आदि एक ओर डाल देने के कारण वह रो
र सागरदत्त ने कहा-“देवानुप्रियो ! उस भिखारी के ठीकरों को फेंको मत, उसी के पास रहने दो ड र जिससे कि उसका विश्वास बना रह सके।'' सेवकों ने भिखारी के ठीकरे उसके पास ही रख दिये। 5 57. When Sagardatt heard the wailing of the beggar he called his servants Pand asked, “Beloved of gods! Why this beggar is crying so loudly?" 5 The servants replied, “Sire! He is crying because we have thrown away 5 his earthen ware." 2 Sagardatt said, “Beloved of gods! Do not throw away these pot shards, let ,
them remain with him so that he does not lose whatever semblance of 5 confidence he has." The servants did as told. र सूत्र ५८ : तए णं ते कोडुंबियपुरिसा तस्स दमगस्स अलंकारियकम्मं करेंति, करित्ता टा 5 सयपाग-सहस्सपागेहिं तेल्लेहिं अब्भंगेति, अब्भंगिए समाणे सुरभिगंधुव्वट्टणेणं गायं उव्वर्टेति र उव्यट्टित्ता उसिणोदगगंधोदएणं पहोणेति, सीतादगेणं पहाणेति, पहाणित्ता पम्हल-सुकुमाल5गंधकासाईए गायाइं . लूहेंति, लूहित्ता हंसलक्खणं पंडगसाडगं परिहेति, परिहित्ता टा २ सव्वालंकारविभूसियं करेंति, करित्ता विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं भोयावेंति भोयावित्ता डी 5 सागरदत्तस्स उवणेति। E CHAPTER-16 : AMARKANKA
(193) टा EnAAAAAAAAAAAAAnnnnnnnnnnnnnnnnny
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