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DDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDE र पन्द्रहवाँ अध्ययन: नंदीफल
( १५१) 5 sick, become weak, or tumble. Thus he will take them to Ahicchatra with all
convenience.' र “Repeat this announcement two three times and report back to me.” 5 सूत्र ६ : तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव एवं बयासी-हंदि! सुणंतु भगवंतोड| र चंपानगरीवत्थव्वा बहवे चरगा य जाव पच्चप्पिणंति। 5 सूत्र ६ : सेवकों ने आज्ञानुसार-“हे चम्पा नगरी निवासीजनों, सुनो"-आदि (सूत्र ५ केडी र समान) घोषणा कर दी और लौटकर धन्य सार्थवाह को सूचित किया।
6. The servants did as told and reported back to Dhanya merchant. __ सूत्र ७ : तए णं से कोडुबियघोसणं सुच्चा चंपाए णयरीए बहवे चरगा य जाव गिहत्था यदी 5 जेणेव धण्णे सत्थवाहे तेणेव उवागच्छंति। तए णं धण्णे तेसिं चरगाण य जाव गिहत्थाण यड
अच्छत्तगस छत्तं दलयइ जाव पत्थयणं दलयइ एवं वयासी-'गच्छह णं देवाणुप्पिया ! चंपाए टे 15 नयरीए बहिया अग्गुज्जाणंसि ममं पडिवालेमाणा चिट्ठह।' ।
र सूत्र ७ : यह घोषणा सुनकर चम्पा नगरी के अनेक चरक आदि व्यक्ति (पूर्व सूत्र ५ समान) टा 15 धन्य सार्थवाह के पास आये। धन्य ने उन्हें आवश्यकतानुसार सामग्री दिलवाई (सू. ५ के समान)।
र और कहा- “देवानुप्रियो ! तुम लोग चम्पा नगरी के बाहर उद्यान में जाकर मेरी प्रतीक्षा करो। 15 7. On hearing this announcement a crowd of people (as mentioned in para
5 5) came to Dhanya merchant who provided them with all what they required, 12 and said, “Beloved of gods! Go and wait for me at the garden outside 12 Champa." 15 सूत्र ८ : तए णं चरगा य जाव गिहत्था य धण्णेणं सत्थवाहेणं एवं वुत्ता समाणा जाव चिट्ठति। द
तए णं धण्णे सत्थवाहे सोहणंसि तिहि-करण-नक्खत्तंसि विउलं असणं पाणं खाइमं साइमंदा 15 उवक्खडावेइ, उवक्खडावित्ता मित्त-नाइ आमंतेइ, आमंतित्ता भोयणं भोयावेइ, भोयावित्ता ||
र आपुच्छइ, आपुच्छित्ता सगडीसागडं जोयावेइ, जोयावित्ता चंपानगरीओ निग्गच्छइ। निग्गच्छित्ता से 15 णाइविप्पगिटेहिं अद्धाणेहिं वसमाणे वसमाणे सुहेहिं वसहिपायरासेहिं अंगं जणवयं मज्झमझेणं ड
र जेणेव देसग्गं तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता सगडीसागडं मोयावेइ, मोयावित्ता सत्थणिवेसंट 15 करेइ, करित्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासी
र सूत्र ८. वे सभी चरक गृहस्थ आदि लोग धन्य सार्थवाह का आदेश सुन उद्यान में पहुँचकर दी 15 प्रतीक्षा करने लगे।
र धन्य सार्थवाह ने शुभ तिथि, करण और नक्षत्र देख प्रचुर भोजन सामग्री बनवाई और अपने 15 मित्रों तथा स्वजनों को आमंत्रित किया। उन्हें भोजन कराकर उनसे यात्रा की अनुमति ली। गाड़ियाँ द APTER-15 : THE NANDI-FRUIT
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