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प्रथम अध्ययन : उत्क्षिप्त ज्ञात
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RamanaDKISANEKACADURAILERIAMANEEPROINOMARWAMIRNGANAGAR
इस पर वे दासियाँ कई बार यही प्रश्न दोहराती हैं और हर बार धारिणी देवी वैसे ही मौन रहती हैं।
33. Observing the sad and emaciated appearance of Queen Dharini her personal maids and attendants started inquiring, “O beloved of gods! Why have you become so weak and sad? What is the cause of your gloom?"
Queen Dharini offered no reply, in fact she hardly paid any attention to these questions from her maids. The maids inquired again and again but Queen Dharini maintained a continued silence.
सूत्र ३४. तए णं ताओ अंगपिडयारियाओ अभिंतरियाओ दासचेडियाओ धारिणीए देवीए अणाढाइज्जमाणीओ अपरिजाणिज्जमाणीओ. तहेव संभंताओ समाणीओ धारिणीए देवीए अंतियाओ पडिनिक्खमंति, पडिनिक्खमित्ता जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छंति। उवागच्छित्ता करयलपरिग्गहियं जाव कटु जए णं विजएणं वद्धावेन्ति। वद्धावइत्ता एवं वयासी-“एवं खलु सामी ! किं पि अज्ज धारिणी देवी ओलुग्गसरीरा जाव अट्टज्झाणोवगया झियायति।"
सूत्र ३४. धारिणी देवी की उदासीनता व अरुचि देखकर तथा उनके द्वारा अनादर और अवहेलना से दुःखी हो वे दासियाँ रानी के महल से निकलकर श्रेणिक राजा के पास गईं। दोनों हाथ जोड़ मस्तक पर ले जाकर जय-जयकार कर राजा का अभिनन्दन किया
और बोलीं-“हे स्वामिन् ! धारिणी देवी आज रुग्ण- जीर्ण शरीर और मन से उदास तथा चिन्तित बैठी हैं।"
34. Peeved by this gloomy silence and nonchalance of Queen Dharini the maids left the queen's chamber and went to King Shrenik. Formally greeting him with hails of victory they said, “Sire! Today Queen Dharini is in an emaciated state of body and a gloomy state of
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mind."
सूत्र ३५. तए णं से सेणिए राया तासिं अंगपिडयारियाणं अंतिए एयमढे सोच्चा णिसम्म तहेव संभंते समाणे सिग्धं तुरिअं चवलं वेइयं जेणेव धारिणी देवी तेणेव उवागच्छइ। उवागच्छित्ता धारिणिं देविं ओलुग्गं ओलुग्गसरीरं जाव अट्टज्झाणोवगयं झियायमाणिं पासइ। पासित्ता एवं वयासी-"किं णं तुमे देवाणुप्पिए ! ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा जाव अट्टज्झाणोवगया झियायसि ?" ।
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CHAPTER-1 : UTKSHIPTA JNATA
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