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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
अणगार। अतः हे स्वामी ! धारिणी देवी ने यह जो स्वप्न देखा है वह उत्तम फलदायक है।" स्वप्न-पाठकों ने इन शब्दों में बारंबार स्वप्न की सराहना की।
26. "Sire! Queen Dharini has seen one of these fourteen dreams that are harbingers of good fortune. You will gain wealth, grandeur, a son, and expansion of your kingdom. After nine months Queen Dharini will give birth to a son.
"As your son passes the age of infancy he will either be a brave and courageous king having a large army and knights, or a self disciplined ascetic. As such, Sire! Queen Dharini has indeed seen a bountiful and auspicious dream.” With these words the dream diviners praised the dream again and again. स्वप्न-पाठकों का सम्मान __ सूत्र २७. तए णं सेणिए राया तेसिं सुमिणपाढगाणं अंतिए एयमढे सोच्चा णिसम्म हट्ठ तुट्ठ जाव हियए करयल जाव एवं वयासी___ एवमेयं देवाणुप्पिया ! जाव जन्नं तुब्भे वदह त्ति कटु तं सुमिणं सम्म पडिच्छइ। पडिच्छित्ता ते सुमिणपाढए विपुलेणं असण-पाण-खाइम-साइमेणं-वत्थ-गंध-मल्लालंकारेण य सक्कारेइ संमाणेइ, सक्कारित्ता सम्माणित्ता विपुलं जीवियारिहं पीतिदाणं दलयइ। दलइत्ता पडिविसज्जेइ।
सूत्र २७. श्रेणिक राजा उन स्वप्न-पाठकों के मुख से यह स्वप्न-फल सुन-समझकर प्रसन्न हुए और हाथ जोड़कर उनसे बोले___“हे देवानुप्रियो ! आप लोगों का कथन यथार्थ है, सत्य है।" इस कथन के साथ राजा ने स्वप्न-फल को मान्य कर लिया और उन स्वप्न-पाठकों का अशन, पान, खाद्य, स्वाद्य सामग्री तथा वस्त्र, गंध, माला एवं अलंकार से सत्कार, सम्मान किया। उन्हें जीवन-निर्वाह योग्य प्रीतिदान (मानधन) देकर विदा किया। FELICITATION OF DREAM-DIVINERS
27. Hearing about the interpretation of the dream, King Shrenik became very pleased and with folded hands addressed the dream diviners
"O beloved of gods! You have indeed revealed the truth and reality," with these words he accepted the interpretation with full faith :
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JNĀTĀ DHARMA KATHANGA SUTRA
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