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प्रथम अध्ययन : उत्क्षिप्त ज्ञात
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माण्डलिक राजा के गर्भ में आने पर उनकी माताएँ इनमें से कोई भी एक महास्वप्न देखकर जागती हैं।
25. "Sire! According to the science of dreams there are seventy two types of dreams, out of which forty two are known as common dreams and the remaining thirty as great dreams. Sire! When an Arihant or a Chakravarti is conceived, his mother sees fourteen of the thirty great dreams; they are-1. An elephant, 2. a bull, 3. a lion, 4. the annointing of goddess Laxmi, 5. a garland, 6. the moon, 7. the sun, 8. a flag, 9. an urn, 10. lotus pond, 11. the sea, 12. a space vehicle (Viman), 13. a heap of jewels, and 14. a smokeless fire.
When a Vasudev is conceived his mother sees any seven out of these fourteen dreams.
When it is a Baldev in the womb the mother sees any four of these fourteen dreams.
When it is a Mandalik Raja (regional sovereign) in the womb the mother sees any one of these fourteen dreams.
सूत्र २६. इमे य णं सामी ! धारिणीए देवीए एगे महासुमिणे दिटे। तं उराले णं सामी ! धारिणीए देवीए सुमिणे दिटे। जाव आरोग्गतुट्टिदीहाउकल्लाणमंगल्लकारए णं सामी ! धारिणीए देवीए सुमिणे दिटे। अत्थलाभो सामी ! सोखलाभो सामी ! भोगलाभो सामी ! पुत्तलाभो सामी ! रज्जलाभो सामी ! एवं खलु सामी ! धारिणी देवी नवण्हं मासाणं बहुपडिपुन्नाणं जाव दारगं पयाहिसि। __ से वि य णं दारए उम्मुक्कबालभावे विनायपरिणयमित्ते जोव्वणगमणुपत्ते सूरे वीरे विकंते वित्थिन्नविउलबल-वाहणे रज्जवती राया भविस्सइ, अणगारे वा भावियप्पा। तं उराले णं सामी ! धारणीए देवीए सुमिणे दिढे जाव आरोग्गतुट्ठि जाव दिढे त्ति कटु भुज्जो भुज्जो अणुव्हेंति। __सूत्र २६. “हे स्वामी ! धारिणी देवी ने इनमें से एक आरोग्य, तुष्टि व दीर्घायु दायक तथा मंगल व कल्याणकारक महास्वप्न देखा है। हे स्वामी ! यह अर्थ, भोग, पुत्र व राज्य लाभ प्रदान करने वाला है। अतः धारिणी देवी पूरे नौ महीने बीतने पर एक पुत्ररत्न को जन्म देंगी।
आपका वह पुत्र बाल्यावस्था पार करने पर शूरवीर और पराक्रमी होगा, विशाल सेना का स्वामी होगा, अनेक जागीरदारों का अधिपति राजा होगा अथवा एक आत्मसंयमी
CHAPTER-1: UTKSHIPTA JNATA
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