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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
as well. She entered the area of Panchal and reached Kampilyapur. There too she started preaching her cleansing based religion. जितशत्रु के पास चोक्खा
सूत्र १०८. तए णं से जियसत्तू अन्नया कयाई अंतेउरपरियालसद्धिं संपरिवुडे एवं जाव विहरइ। ___ तए णं सा चोक्खा परिव्वाइयासपरिवुडा जेणेव जियसत्तुस्स रण्णो भवणे, जेणेव जियसत्तू तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता अणुपविसइ, अणुपविसित्ता जियसत्तुं जएणं विजएणं वद्धावेइ।
तए णं से जियसत्तू चोखं परिव्वाइयं एज्जमाणं पासइ, पासित्ता सीहासणाओ अब्भुट्टेइ, अब्भुट्टित्ता चोक्खं परिव्वाइयं सक्कारेइ, संमाणेइ, सक्कारित्ता संमाणित्ता आसणेणं उवनिमंतेइ। ___ तए णं सा चोक्खा उदगपरिफासियाए जाव भिसियाए निविसइ, जियसत्तुं रायं रज्जे य जाव अंतेउरे य कुसलोदंतं पुच्छइ। तए णं सा चोक्खा जियसत्तुस्स रण्णो दाणधम्म च जाव विहरइ।
सूत्र १०८. एक दिन राजा जितशत्रु अपने परिवार से घिरा अन्तःपुर में सिंहासन पर बैठा था। तभी अपनी शिष्याओं सहित चोक्खा परिव्राजिका ने वहाँ प्रवेश किया और राजा का विजय कामना सहित अभिनन्दन किया। परिव्राजिका को आया देख राजा सिंहासन से उठा और चोक्खा का स्वागत सत्कार कर उसे बैठने को कहा। ___ चोक्खा ने यथाविधि अपना आसन बिछाया और बैठकर राजा से क्षेम-कुशल पूछी। फिर उसने अपने शौच धर्म का उपदेश दिया।
CHOKKHA WITH JITSHATRU ___108. One day King Jitshatru was sitting on his throne surrounded by his family in the inner part of his palace. With her disciples Chokkha entered the palace and arrived their. She greeted the king, wishing for his victory. When the king saw her coming he left his throne, received her with honour and offered her a seat.
Chokkha spread her mattress on the floor, sat down and asked about the king's well being. After this she started her preaching.
BAHINA
amme Sudae
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JNĀTĀ DHARMA KATHĀNGA SŪTRA
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