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आठवाँ अध्ययन : मल्ली
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सूत्र १०६. तए णं सा चोक्खा परिव्वाइया मल्लीए विदेहरायवरकन्नाए एवं वुत्ता समाणा संकिया कंखिया विइगिच्छिया भेयसमावण्णा जाया यावि होत्था। मल्लीए णो संचाएइ किंचिवि पामोक्खमाइक्खित्तए, तुसिणीया संचिठ्ठइ।।
सूत्र १०६. मल्ली के इस कथन से चोक्खा के मन में अपने सिद्धान्त के प्रति शंका, कांक्षा और विचिकित्सा उत्पन्न हुई। वह दुविधा में पड़कर मौन हो गई।
106. This statement of Princess Malli gave rise to doubt, curiosity and suspense in Chokkha's mind. The confusion made her silent.
सूत्र १०७. तए णं तं चोक्खं मल्लीए बहूओ दासचेडीओ हीलेंति, निंदंति, खिसंति, गरहति, अप्पेगइयाओ, हेरुयालंति, अप्पेगइयाओ मुहमक्कडियाओ करेंति, अप्पेगइयाओ वग्घाडीओ करेंति, अप्पेगइयाओ तज्जेमाणीओ करेंति, अप्पेगइयाओ तालेमाणीओ करेंति, अप्पेगइयाओ निच्छुभंति। __ तए णं सा चोक्खा मल्लीए विदेहरायवरकन्नाए दासचेडियाहिं जाव गरहिज्जमाणी हीलिज्जमाणी आसुरुत्ता जाव मिसमिसेमाणा मल्लीए विदेहरायवरकन्नाए पओसमावज्जइ, भिसियं गेण्हइ, गेण्हित्ता कण्णंतेउराओ पडिनिक्खमइ, पडिनिक्खमित्ता, मिहिलाओ निग्गच्छइ, निग्गछित्ता परिव्वाइयासंपरिवुडा जेणेव पंचालजणवए जेणेव कंपिल्लपुरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता बहूणं राईसर जाव परूवेमाणी विहरइ। ___ सूत्र १०७. मल्लीकुमारी की अनेक दासियाँ चोक्खा की निंदा, आलोचना करती उसके दोप प्रकट करने लगी, चिढ़ाने लगी, उसकी ओर मुँह मटकाने लगी, उपहास करने लगी
और उसकी तर्जना-ताड़ना करते उसे ठेलकर वाहर निकाल दिया। __इस व्यवहार से चोक्खा खिन्न हो गई और क्रोध से मिसमिसाती हुई मन ही मन मल्ली के प्रति द्वेष करने लगी। उसने जल्दी से अपना आसन उठाया और महल से बाहर निकल गई। वह अपनी परिव्राजिका शिष्याओं के साथ मिथिला नगर से भी बाहर निकल गई और पांचाल जनपद में प्रवेश कर कांपिल्यपुर नगर में जा पहुँची। वहाँ उसने अपने शौच प्रधान धर्म का उपदेश देना आरम्भ कर दिया। ____107. The multitude of Princess Malli's maids censured, condemned, criticized and jibed at Chokkha and making her a laughing stock pushed her out.
This ill-treatment disturbed Chokkha and she gnashed her teeth with anger and aversion for the princess. She lifted her mattress and hurried out of the palace. With her group of disciples she left Mithila
CHAPTER-8 : MALLI
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