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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
Dejected, he returned to his master's house and informed Dhanya merchant, "Master ! Mistress Bhadra got Devdutt ready after giving him a bath and adorning him with dress and ornaments. She then handed him over to me. I took him and went out of the house and placed Devdutt carefully at a safe spot. After some time I could not see the child there. I searched him all around but could not find him. Master ! I do not know if some of his friends has taken him along, or some thief has kidnaped him or thrown him away.” That slave boy narrated the incident and fell at the feet of Dhanya.
Getting this information from slave-boy Panthak, Dhanya merchant was deeply moved by the tragedy of loosing his son. He fell on the floor, like a Champa tree struck by an axe, and fainted. बालक की खोज __ सूत्र २0. तए णं से धण्णे सत्थवाहे तओ मुहुत्तंतरस्स आसत्थे पच्छागयपाणे देवदिन्नस्स दारगस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेइ। देवदिन्नस्स दारगस्स कत्थइ सुई वा खुइं वा पउत्तिं वा अलभमाणे जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ। उवागच्छित्ता महत्थं पाहुडं गेण्हइ। गेण्हित्ता जेणेव नगरगुत्तिया तेणेव उवागच्छइ। उवागच्छित्ता तं महत्थं पाहुडं उवणेइ, उवणइत्ता एवं वयासी-“एवं खलु देवाणुप्पिया ! मम पुत्ते भद्दाए भारियाए अत्तए देवदिन्ने नामं दारए इढे जाव उंबरपुर्फ पिव दुल्लहे सवणयाए किमंग पुण पासणयाए ?" ___ तए णं सा भद्दा देवदिन्नं पहायं सव्वालंकारविभूसियं पंथगस्स हत्थे दलयइ, जाव पायवडिए तं मम निवेदेइ-"तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! देवदिन्नदारगस्स सव्वओ समंता मग्गण-गवेसणं कयं।
सूत्र २०. कुछ देर बाद जब उसे होश आया. मानो प्राण लौट आये हों, तो उसने सब जगह बालक की खोज की। किन्तु बालक की कोई खोज-खबर नहीं मिली। वह निराश हो घर लौटा, बहुमूल्य भेंट सामग्री ली और नगर-रक्षक के पास गया। नगर-रक्षक-दल के सामने वह भेंट रखी और बोला-“हे देवानुप्रियो ! मैं और मेरी पत्नी भद्रा के देवदत्त नाम का एक पुत्र है, जो हमें प्राणों से भी अधिक प्यारा है।" ___ धन्ना सार्थवाह ने बालक के खो जाने का पूरा विवरण विस्तार से नगर-रक्षकों को बताया और कहा-“अतः हे देवानुप्रियो ! मैं चाहता हूँ कि आप वालक देवदत्त की सभी
स्थानों पर तलाश करें, खोज करें।' enge
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JNĀTĀ DHARMA KATHANGA SUTRA
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