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द्वितीय अध्ययन : संघाट
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SEARCH FOR THE CHILD
20. After some time when he regained consciousness, as if he had been resurrected, he searched for the child everywhere but could not find any trace. He returned home crestfallen. He then collected valuable gifts and went to the chief of the police. He placed the gifts before the policemen and said, “Beloved of gods ! I and my wife have a son named Devdutt who is more precious to us than our own lives." And Dhanya merchant gave detailed report of the child's disappearance. He then asked, "I want that you conduct a thorough search for the lost child."
सूत्र २१. तए णं ते नगरगोत्तिया धण्णेणं सत्यवाहेणं एवं वुत्ता समाणा सन्नद्धबद्धवम्मियकवया उप्पीलिय-सरासणवट्टिया जाव गहियाउह-पहरणा धण्णेणं सत्थवाहेणं सद्धिं रायगिहस्स नगरस्स बहूणि अइगमणाणि य जाव पवासु य मग्गण-गवेसणं करेमाणा रायगिहाओ नयराओ पडिणिक्खमंति। पडिणिक्खमित्ता जेणेव जिण्णुज्जाणे जेणेव भग्गकूवए तेणेव उवागच्छंति। उवागच्छित्ता देवदिन्नस्स दारगस्स सरीरगं निप्पाणं निच्चेटुं जीवविप्पजढं पासंति। पासित्ता हा हा अहो अकज्जमिति कटु देवदिन्नं दारयं
भग्गकूवाओ उत्तारेंति। उत्तारित्ता धण्णस्स सत्थवाहस्स हत्थे णं दलयंति। __सूत्र २१. नगर-रक्षकों ने धन्य की बात सुनकर कवच तैयार कर उन्हें पहनकर कसों से वाँधा, अस्त्र-शस्त्र उठाये और धन्य सार्थवाह के साथ हो लिये। उन्होंने राजगृह नगर के मार्ग, दरवाजे आदि (पूर्व वर्णन सम) सभी गुप्त-प्रकट स्थलों पर खोज की और तब नगर से बाहर निकले। खोज करते वे लोग उसी उजाड़ उद्यान में टूटे कुएँ के पास आये। उन्होंने जब कुएँ में झाँका तो देवदत्त का निष्प्राण, निश्चेष्ट और निर्जीव शरीर दिखाई पड़ा। उनके मुँह से अनायास ही-“हाय ! हाय ! अहो अकार्य।" आदि स्वर फूट पड़े। देवदत्त की देह को कएँ से निकाल धन्य सार्थवाह को सौंप दिया गया।
21. Immediately on getting the report the police-force put on and tied their shields, picked up their weapons, and moved out with Dhanya merchant. They first searched all the streets, gates (etc., details as before), and then came out of the town. During their search they came near the broken well inside that ruined garden. When they looked down into the well they saw the limp dead body of Devdutt. They involuntarily uttered, “Oh ! god ! what cruelty?" Devdutt's body was taken out from the well and handed over to Dhanya merchant.
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CHAPTER-2 : SANGHAT
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