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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
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SAIRAO
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तए णं कोडुंबियवरतरुणपुरिसा सेणियस्स रन्नो कोडुबियपुरिसेहिं सद्दाविया समाणा हट्ठा ण्हाया जाव एगाभरणगहियनिज्जोया जेणामेव सेणिए राया तेणामेव उवागच्छंति। उवागच्छित्ता सेणियं रायं एवं वयासी-“संदिसह णं देवाणुप्पिया ! जं णं अम्हेहिं करणिज्ज।"
सूत्र ११२. अब मेघकुमार के माता-पिता ने सेवकों को बुलवाकर आज्ञा दी"देवानुप्रियो ! शीघ्र ही समान कान्ति, वय, वेष-भूषा और आभूषण वाले एक हजार युवा सेवकों को बुलाओ।" सेवकों ने आज्ञा का पालन किया।
ये एक हजार युवक राजा का बुलावा सुनकर प्रसन्नचित्त हो स्नानादि कर एक समान वस्त्राभूषण पहन राजा के निकट आये और बोले-“हे देवानुप्रिय ! हमें क्या आज्ञा है ?"
112. When all this was done Megh Kumar's parents called the staff and said, “Beloved of gods! Call one thousand young servants of same appearance, age and attire immediately." The attendants carried out the order.
These one thousand young men felt honoured at the king's invitation. They got ready after taking bath and wearing similar dresses and ornaments. They came to the king and said, “Beloved of gods! What do you want us to do?"
सूत्र ११३. तए णं से सेणिए तं कोडुबियवरतरुणसहस्सं एवं वयासी-“गच्छह णं देवाणुप्पिया ! मेहस्स कुमारस्स पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं परिवहेह। ___तए णं तं कोडुंबियवरतरुणसहस्सं सेणिए णं रण्णा एवं वुत्तं संतं हटुं तुटुं तस्स मेहस्स कुमारस्स पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं परिवहति।
सूत्र ११३. श्रेणिक राजा ने उनसे कहा-“देवानुप्रियो ! तुम लोग जाओ और एक हजार पुरुषों से उठने वाली मेघकुमार की पालकी को उठाओ।" प्रसन्नचित्त हो वे सेवक गये और मेघकुमार की पालकी को उठा लिया। ____13. King Shrenik said to them, “Beloved of gods! Go and lift the Purisasahassa palanquin of Megh Kumar." The servants proceeded happily and lifted Megh Kumar's palanquin.
सूत्र ११४. तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स पुरिसहस्सवाहिणिं सीयं दुरूढस्स समाणस्स इमे अट्ठमंगलया तप्पढमयाए पुरतो अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया। तं जहा(१) सोत्थिय (२) सिरिवच्छ (३) नंदियावत्त (४) वद्धमाणग (५) भद्दासण (६) कलस
KARO
DURAT
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JNĀTĀ DHARMA KATHANGA SŪTRA
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