________________
ORIALS
( ९४ )
उट्ठवेह । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव (महत्थं महग्घं महरिहं विउलं रायाभिसेयं) उवट्ठवेन्ति । "
सूत्र ९८. श्रेणिक राजा ने तब सेवकों को बुलवाया और कहा - " - "देवानुप्रियो ! मेघकुमार के लिए महान् समृद्धिवान पुरुषों के योग्य राज्याभिषेक का विशाल आयोजन करो। " सेवकों ने राजाज्ञा का पालन किया।
CORONATION
98. King Shrenik now called his staff and said, "Beloved of gods! Make elaborate arrangements for a grand coronation ceremony for Megh Kumar, as is done for highly prosperous individuals." The attendants carried out the order.
ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
सूत्र ९९. तए णं सेणिए राया बहूहिं गणणायग-दंडणायगेहि य जाव संपरिवुडे मेहं कुमारं अट्ठसए णं सोवन्नियाणं कलसाणं, रुप्पमयाणं कलसाणं, सुवण्ण-रुप्पमयाण कलसाणं, मणिमयाणं कलसाणं, सुवन्न- मणिमयाणं कलसाणं, रुप्प - मणिमयाणं कलसाणं, सुवन्न- रुप्प - मणिमयाणं कलसाणं, भोमेज्जाणं कलसाणं सव्वोदएहिं सव्वमट्टियाहिं सव्वपुष्फेहिं सव्वगंधेहिं सव्वमल्लेहिं सव्वोसहिहि य, सिद्धत्थएहि य, सव्विड्डीए सव्वजुईए सव्वबलेणं जाव दुंदुभि-निग्घोस - णादियरवेणं महया महया रायाभिसेए णं अभिसिंचाइ, अभिसिंचित्ता करयल जाव परिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु एवं वयासी
Jain Education International
सूत्र ९९. राजा श्रेणिक ने बहुत से गणनायक, दण्डनायक आदि समस्त वैभव, चमक-दमक और सेना के साथ दुंदुभि आदि की प्रतिध्वनियों के बीच अनेक कलशों से मेघकुमार का अभिषेक किया। उन कलशों का वर्णन इस प्रकार है- एक सौ आठ सोने के, एक सौ आठ चाँदी के, एक सौ आठ सोने-चाँदी के एक सौ आठ मणिजड़ित, एक सौ आठ सोने और मणि के, एक सौ आठ चाँदी और मणि के एक सौ आठ सोने-चाँदी और मणि के, और एक सौ आठ मिट्टी के इस प्रकार आठ सौ चौंसठ कलशों को मिट्टी, जल, पुष्प, गंध, माला, औषधि, सरसों आदि विभिन्न मांगलिक वस्तुओं से भरकर तैयार किया गया।
अभिषेक के बाद राजा श्रेणिक ने यथाविधि हाथ जोड़कर कहा
99. In presence of a large gathering of chieftains, administrators, (etc.) with all grandeur and pomp and show in an atmosphere filled with reverberating sounds of beating drums and other musical
(94)
For Private
JNÄTÄ DHARMA KATHANGA SUTRA
Personal Use Only
www.jainelibrary.org