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CENSURE DURING THE HOUR OF MILKING COWS
23. A bhikshu or bhikshuni intending to go to the house of a layman in order to seek alms, comes to know (at the time of entering) that cows are being milked and food is still being cooked, nothing has been served out of it to someone else, then he should neither set out from the upashraya nor enter the house of that layman.
But (if he comes to know of this only when he reaches the house. of the layman) he should, after knowing, go to a solitary place where no one visits or sees and wait there. When he comes to know that the cows have been milked, the food has been cooked and others have been served out of it, then that disciplined ascetic may come out of that place and enter the house of the laymen to seek alms.
विवेचन-इस सूत्र में गृहस्थ के घर में आहारार्थ प्रवेश के लिए निषेध के तीन कारण बताये
(१) गृहस्थ के यहाँ गायें दुही जा रही हों, (२) आहार तैयार न हुआ हो, तथा (३) किसी दूसरे को उसमें से न दिया गया हो।
इस निषेध का रहस्य वृत्तिकार ने इस प्रकार बताया है-गायें दुहते समय यदि साधु गृहस्थ के घर जायेगा तो उसे देखकर गायें भड़क सकती हैं, कोई भद्र श्रद्धालु साधु को देखकर बछड़े को स्तन-पान करता छुड़ाकर साधु को शीघ्र दूध देने की दृष्टि से जल्दी-जल्दी गायों को दुहने लगेगा, गायों को भी त्रास देगा, बछड़ों के भी दूध पीने में अन्तराय आयेगी। अधपके आहार को अधिक ईंधन झोंककर जल्दी पकाने का प्रयत्न करेगा, भोजन तैयार न देखकर साधु के वापस लौट जाने से गृहस्थ के मन में दुःख होगा, वह साधु के लिए अलग से जल्दी-जल्दी भोजन तैयार कराएगा तथा दूसरों को न देकर अधिकांश भोजन साधु को दे देगा तो दूसरे याचकों या परिवार के अन्य सदस्यों को अन्तराय पड़ेगा। इन दोषों की संभावना से उक्त निषेध किया गया है। (वृत्ति पत्रांक ३३५)
Elaboration—In this aphorism three reasons for not going into the house of layman to seek alms have been enumerated
आचारांग सूत्र (भाग २)
Acharanga Sutra (Part 2)
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