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EXTRACTS FROM MANUSCRIPTS
अणहिल्लवाडयपुरे जायविभूसवे जिणाययणे ॥
कारिऊण नीए एक्कमि द्विजम्मि तत्थ तउ ॥ ८८ ॥ गरुउ गरुयरो वि कुसेसो सावयजणो सयं चेव ॥ जाइ अणाहूउ वि हु जस्स नमसणकयपइन्नो ॥ ८९ ॥ सुती व जस्स सयला अमयरसेणोवनिम्मिया विहिणा || तदंसणे विनासड़ जम्हा कसायविसं ॥ ९० ॥ परतित्थीण वि दिट्ठो हिययं पल्हाएं सदंसणउ ॥ जो तेहि वि मणिज्जइ नियनियदेवावयारो व्व ॥ ९१ ॥ तं चिय सयावि वयणं मुहकुहराउ विणिसुयं जस्स || जम्मि निसुए जणाणं परमा मणनिव्वुई होइ ॥ ९२ ॥ अन्नो न गोट्रिकलही जेहि कउ सावएहि रोसव्वसा ॥ जिणभवणगमणनियमो उवसंता ते वि जस्स गिरा ॥ ९३ ॥ कहवि कसायवसेणं सहोयरा भाउणो विवता ॥ अन्नोन्नमणालावे विगयकसाया कया जेण ॥ ९४॥ लद्धमरिंदपसाया थद्धा जे देवयाण वि पणामं ॥ किच्चे ण ऊणं वा तह गुरुणो एगस्स नियगच्छे ॥ ९९ ॥ रायामच्चपमुहा निउगिणो ते वि जस्स वयणेण ॥ सामन्नस्स वि मुणिणो मुक्कामया कमनाया जाया ॥ ९६ ॥ गावगिरिसिहरसंठियचरण जिणाय यणदारमवरुद्धं ॥ पुनि दिन्नसासणणमंसा वणिएहिं चिरकालं ॥ ९७ ॥ गंतूण तत्थ भणिऊण भुवणपालाभिहाणभूवालं || बइसयपयत्तेणं सुक्कलयं कारियं जेण ॥ ९८ ॥ वरणगसुयं सत्यसचिवं भणिऊण भरुयत्थे ||
सिरिसंवलियाविहारे हेममया रोविया कलसा ॥ ९९ ॥
Fa
मी
सती