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________________ उ० भाषा अ०२ ६४ अवस्थाइ ए० एब धर्म वस्त्र सहितपणो अने वस्त्र रहित पणो हि० हितकारी न० जागौने ना० ज्ञानवंतो नो० न पामे खेदवस्त्र रहित शीतकाले ह दोहिलो थास्यूं दौनपणो न करे १३ अथ अचेल परीसह दृष्टांत दशार्थपुर नामे नगर सोमदेव नामे पुरोहित तेहने रूढ़ सोमा भार्य्या तेहने पुत्र श्रार्य रचित परदेस जइ १४ विद्या भणी पारगामी थाई श्राव्योराजाने मिलौ महा पसावापामौ महोच्छव सहित आपणे घर आवो पिताने परीला गो माता ने प्रणाम कौधो माता प्रणाम न झाले तिवारे कारण पूछो ते रूढ सोमा श्राविका के तिथे हेते करौने को तेंए हिंसादिक शास्त्र भख्या fपण अजे तांई दृष्टिवाद धर्मशास्त्र भण्यो नहीं ते स्यूं भण्यो तिवारे माताने कहे ए विद्या कुण भणा वसौ तिवारेमाता कहे ताहरो मांगो तोसलि पुचाचार्य जेपा से जाईने भयो तिवारी हां भणौ माताने प्रणाम करो चाल्यो वाटमे से लडीनव आखी अने एक आधी मिली माताने कहा व्यों मुझने से लडी साठी नव मिलौ के माता की साठा नव पूर्व भयो श्रयं रचित उपाश्रये पासे आव्यो पिण विचास्यो किम बोलस' एहवे एक ढट्टर श्रावक उपाश्रये महि प्रवेश कस्तो तिथे रावो आर्य रचित श्रोतोसलीपुत्राचार्य मांगाने वांद्या पास बैठे शिवे को आज नगर मांहि मोटो आडंबरी आव्या गुरु को ए ताहरो भांगे जो के गुरु बोल्या हे आर्य रचित किम आव्या ते कहे दृष्टिवाद भणवा माटे तिवारे कहे ए तो दोख्यालोइ' भाइ' तणे दीक्षा लोधी ग्यारे अंगभण्या के पूर्व विद्या सौखवाने वच्चस्वामी पासे मो कल्पी अंतराले उज्जयनी वासो रही भद्रगुप्ति सूरवांदि वज्जस्वामी पास गयो के तेहवेवव खामो रात्रि स्वप्नो दौठो जे एके शिकवे दुधपौधों ते विचारी प्रभाते चतवे के एहवे आर्यरचित झावी वंदना कौधी तिवारी पूर्वलो वात पूछी सर्व कही भणाववा मांड्यो नव पूर्व भण्यो दसको पूर्व भगतां आलस थयो गुरुने कहे केतली एक भगवो के गुरु कहे बिंदुमात्र भये समुद्र थाके के गुरु थाको जांणी संथा राखौ आचार्य पद दौधो एहवे पाछलि थौ भाई तेडवा आव्यो तेहने प्रति बोधदे दोचा लौधौ तिहां थो विहार करी माता पिता ताई *************** ***************************** आ० सा० उ० ४१ मा भाग राय धनपतसिंह बाहादुर का प्रा० :
SR No.007381
Book TitleAgam 43 Mool 04 Uttaradhyayan Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1879
Total Pages1112
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, F000, F999, & agam_uttaradhyayan
File Size32 MB
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