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भाषा
उ.टीका मतदारयामा
* मंससोचियं ११ महामुनिमहातपस्सी धमयजन्तुभिः स्पृष्टी भञ्चितः सन् न सन्खमेत् चासं न प्रानुयात् बहुवचनमहात् यूकामखुप सुनसका प्र.२ * दयोपि प्रान्त कौडयो महामुनिः समएव समत्वेन युक्त: अत्र समरे रकारः प्राक्तत्वात् क इव संग्रामशीर्षे रचयिरसि भाग इव हस्तौव कौशी
पस्तौ शूरः यथा शूरोऽभङ्गो हस्ती युधे स्थितः परं गत्वं हन्यात् एवं महामुनि रपि क्रोधादिकं अन्तराम जयेत् दंशादिभि पद्यमायः क्रोधं न कालें विहार करता यमणभद्र ऋषो अटवीर पुंहता तिहां प्रतिमाइ रह्या जे चे भमरा घणा के अने मधु के ऋषि सरौरे मधु है ऋषोखरने शरीरमधु नाटी पका लागा तिवारी भमरा डांसमसादिक प्रावी पीडा जपजावी पिण लिगारमात्र मनधीन चात्यो तिहां रयो नरकनी बेदनाना दुख जपजे चिंतवे पर जीव सिद्धांत मांहि एहवा र नरकना दुख कद्या के ते संभारतो कान धौ यतः नरए सुजार पाइककड कडाई' दुक्खाई परम तिक्साई' कोवबेद ना जीवंतो वास कोडिवी १ नरक माहिजे कर्कश परमतिषण माठि तौववेदना खेत्रादि परमाधांमौनी कोधो वेदना परस्पर बेदना दुखे कुणे वसवोई जो वरम नौकोड लगे वोलेतो पिण बोलो न सके बली मरकना दुख कहे के कर्कश दाह परमाधामौनी कौधौ वेदना पनें भागमा हे पचवो लोहमय कंटक शूली चौंधवो राईज वहा खंडनु' करवो काग साग समलो ढंकादि कैचूटिवो पने शाल्मली इचमाहि पाकर्षवो खांडानौधार सरौखा पांनहा एहवा प्रसिपबाहिबे सारवो तिथे करीने गाव छेदाई बलौ तातो तरुवो उकालि पावर वैतरणो नदो मांहि झूजवें अने ते नारकोने काई सुख नधो तिबारे ऋषोखर डांस मसाना परिसह सहतो विचार इसे जोवें नारकोनि वेदना सहो तथा तिर्यचादिकनी वेदना सहीतो डांसमसा भमराने करडवे ऋषि चूकि इम चिन्त विचित्त निश्चल करौ सह चमा शभ भाव नाई कालकरिने देवलोके गया जिमची श्रमणभद्र ऋषोखरें डांस मसादिकनी परोषह सह्योतिम प्रय
राय धनपतसिंह बाहादुर का प्रा. सं. उ. ४१ मा भाग