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________________ रायपीपी। अस्थिण पदेसी तस्स वित्यिस्स पुणस्स वातुलिवस्स अपुन्नस्म वा तुलिवस्स के अगणतं वा जावलहूवत्त वा नोतिण एवामेव पए सी जीविम्सवि गुरुयनइयत्त पहब जीव तस्स वा तलियस्स मयम्स वा तुलियस्स जोव नत्यि के आगत्ते वा जाव लइयत्ते वा त सद्ददाहिण पदमी तचैव ७ तएण पएसी राया केसी कुमार समगा एव ववामी अविण मते एस जीवणोउ वागच्छद् एव खन्नु भ त अइ अन्नया जाव चोर उवणेति तएगा यह त पुरिस सव्वउ समता समभिलाएसि नोचेवगा चजीव पासामि तवेगा अह त पुरिस दहा पालिवकरेमि सवतो समता समभि लोएमि नोचे वण जीवं पासामि एव तिहा चउहा सखिझहो फालियकारेमि नाव नोवण त जीव पासामि जतिण भते अह तसि पुरिससि मगन्धदेशप्रमिडाएव रसमानविशेषाद्वीपचम्पको दीपाचगनक एवमेवेत्यादि निगमन कण्ठर उक्तञ्चतदन्यत्रापि। जहदीवो महदूयोरेपलीवितीत घर पवाद। अप्यपयारत ते एव जीवी सहाई इति। कल्लम्पाउपभावाएरवणीए जीवतेयसा जलन्त इति अव वारकरणात गर इमकहीपछी केसी कुमार श्रमय प्रदेसी राजा प्रति इमबील्याइ हेप्रदेसी तुम्हे किवारक चमनीयमग्नि प्रयवा दावडधमताथकावान पुग ताथकादिवीड छर राज्ञाकहिछद हा भगवन हा ठार बलीगुरुकहरछर प्रदेसि तेइन चर्मदीवडाइवाइ पूमनभरीन तीलान ठाली नर तोलीन कार घोडा घपउ भारेपपउ हराउ थापबउ राजा कदछड नहरदाबडी बार मरीन तथा वासीकार भारपणुसलूयापणउ गुगक हदछ एण्डदृष्टात हे प्रदेसी जीवनदाथि पलहूपमा पापी जीविताना तोलान अथवा मूयापही तोलान तथा घोडा घगउ भारपा हल्यापणउ नगइकारणिसानित हे प्रदेसी सरीरथा जीव पनरुण्यमातमउप्रश्न ७ गुममाहापजी प्रटेमी राना कैसी कुमार श्रमणप्रति एमबील्यु छद्र हेपूज्य एह बुझिवलइ दृष्टांत पगिमाइरनहीडनाव अमनप्रकारइतिसद हैपूज्य ए कोइकरामद राजसमाइकरताउ छद्र कारबाइएक चौर मुझनड यागोसउपतिद्वारपछी हू तेहपुरूपप्रति सटाल सम्यगप्रकार हे ठिकपरिजायद पणिनधाकिहा पूजीब पतिडदपु तिहारपछी र तेहपुरुपति विद फालिया करतउहा सालद रूडीपरि जायऊ पणिनहीकिहा जीव प्रति इम वणिफालिया च्यार फाताया मप्याताधया फालियाकरता उ सघन जीउपणिनीकि हादतह चीरनामावति
SR No.007379
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1917
Total Pages289
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, F000, F999, & agam_rajprashniya
File Size9 MB
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