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रायपसेगी ।
सउ तेसिणं सुहमडवाण तदिस त उदारा पण्णत्ता तजहा पुरन्धि मेाहि उच्चत्तरेण दारा सोलस जोयगाइ उठ उच्चत्तेण अट्ट जोयers faraमेण तावतिय चेवपवेसेण सेयावरकमल धूभियागा जाववणमालाउ तेसिण सुहमडवाण भूमिभागा उल्लोया तेसिण सुहमडवाण उवरि अट्ठमगलगाळत्ताइ छत्ता तेसिया मुहमडवाण पुरतो पत्तय २ पेत्थावरमडवे पण्णत्त सुहमडव वत्तव्वया जाव दारा भूमिभागा उल्लोवा तेसिण बहूसमरमणिज्भाण भूमिभागागा बहूमज्भसभागे पत्तेय २ वदरामए अक्खाडर पण्णत्ते तेसिण वदूरामबाण अक्खाडगाण वहूमज्मदेषभागे पत्तेय मणिपेढिया पण्णत्ता तातोण मणिपेढियाण अजोयणाइ आयामविक्खभेण चत्तारि जोयणा वादल्लेण सव्वमग्मियाड अत्था जावपडिवाउ पाच सुखमण्डयाना पुरत प्रत्येक प्रेक्षागृहमण्डप प्रज्ञप्त' । ते च प्रेक्षागृह मण्डपा म विष्कम्भाच्चैस्त्वे प्राग्वत प्रचागृहमण्डपाना च भूमिभागवणन प्राग्वत् । तावद्दाच्य यावन्मणीना स्पभ । तेषा च बहुरमणीयाना भूमिभागाना वहुमध्यदेशभाग मत्येके वज्रमयो अक्षपादक प्रज्ञप्त तेषा च वज्रमयानामचपाटकाना वहुमध्यदेशभागे प्रत्येक प्रत्येक मणिपीठिका प्रज्ञप्ता । ताश्च मणिपीठिका श्रष्टयोजनान्यायाम विष्कम्भाभ्यां चत्वारियोजनानि बाहल्येन पिण्डभावेन सवा dees दारनद्र आगलि प्रत्येक २ सुखमडप काउएतलद्वारदीठएकेक सुपमडपनइ तेह सुषमइप एकमड योजन लाबपण्डू पचास योजन पहूलपणे कोईकारा सोलस योजन ऊंच ऊ चपणद्र तेहसुखमडपनउसरीषु वर्णकसुधर्मान जाणवत तेहनः सुखमंडपनद्र सि दसि वणिद्दारनद्र कया कह पूर्व दक्षिणदू उत्तरनद्र द्वार सोलह जोयन उचल ऊ चपाइ आठयोजन पहूलपण पाठयोजन प्रवेश स्वतन्द्र प्रधान कमलसहित घूमिका सिखरकइजिहा दारनुं वर्णकमालासहितकहव तेहनइ मुख पडपन भूमिभागऊपरि उल्लो चडूयावहि तेन सुखमडपन ऊपूरि चाउर मगलीकध्वजाइतऊपरि छत्रकहव तेह न सुखमपन आगलि प्रत्येकइर में चाघरमडपपरगमडप काउ सुखमडपनीपरि वर्णक मवकहवउ जिहालगेद्दार भूमिभागऊपरि चद्रयासवकहिब हन्दू घराउ समउरम ग्रीकनदू भूमिभागमंचावरन धणु मन देसभागदू प्रत्येकइएकैकमादे वज्रमय आपाडर का तेहन वमन आखाडान वधु मन देसभागे प्रत्येकइएकमाहि मणिपीठका कहा तेह मणि पीठिका पाठ योजन लात्रपणे पहूलपणइ च्यार योजनजाsपय सव मणिमयकर निर्मल
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