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रायपसपी।
११३ गयाउ चदणणाउ चंदविनामिणीउ चदइसमणिडालाउ चदाहिय मोमदसगााउ उस्वादूवूज्मोएमाणीउ विभुषणामरिचिमूरदिप्पत तेय, अहियवरसगिणकासाउ सिगारागार चारवेसा पासाइयाउ तेयमा अतीव २ उवसोभेमाणाउ चिट्ठिति मिणा दाराणा उभउपासे मिसीहियाए तेसोलससोलसजालकडग परिवाडीतो पगणताउ तेगा
जाल कडगा सब्बरवणामया अत्याजावपडिरूवा तेसिया दाराण • उभवतोपासे दुहड णिसीहियाए सीलसर घटापरिवाडितो परणत्ता
तो तेसिया घटाणा इमेवारवे वरणावासे पपणतं तजहा जवूगया
मवाउ घटातोविति मराई उलालातो गाणामणिमया घटा पासात भावमुपगता विमानवत् (चन्दयणाउ) इति चन्द्रद्वानन मुख यासा ता स्तथा (चन्दविलासिमीउ) प्रति नन्द्रवत् मनोहर विलसन्तीत्येवं शीलाश्चन्द्रविलासिन्य । (चन्दवसमणिडालाउ) इति चन्द्राई सममप्टमी चन्द्रसमान ललाट वासा ता तथा (चन्दाहिय सोमदसणाव)चन्द्रादपि अधिक मोम सुभग कान्तिमत् दर्शनमाकारी यासा ता स्तथा, उल्काइव उद्योतमना (
विधणमरिचिमूरदिप्पन्ततेय अहिययरसगिणकामाउ) इति विद्य तीये धना वृहलतरा मरीचय स्तभ्यो यच्च मृर्वस्य दीप्यमान वृत जस्तस्मादपि अधिकतर सन्निका प्रकाशी वासा ता तथा सिगारा गार चारवैसा पासाइयाउ दरिमणिका अभिरुवाउ चिट्ठन्ति) इति प्राग्वत (तसिप)मित्यादि। तैपा द्वाराणा प्रत्येक मुभयो' पार्श्वयोरेकैकपैधिकी भावेन या द्विधानपेधिको तस्यापोडाया घोडय पोडशजालकटका प्रचप्ता । जालको जालकटका (सवरयखामया अत्या मगहा जावपडिरूवा) इति प्राग्वत् (तसिग मित्यादि तपा हाराणा प्रत्येक मुभयो' पाश्वयो दिधाती नैपेधिम्या पीडम पौडघण्टा परिपाटय प्रनप्ता । तासा च घपटानामय मेतद्रूपी बणावासी वर्णकनिवेश प्रजप्त स्तद्यथा जाम्बूनदमय्या घण्टा वजमय्यी लाला नानामषिमया घण्टा पाar तेह रूपामय सीकानविपद् या वैडूर्यरत्नमयी धूपनीघटीछहर्तकेहबीछा कृष्णा गुरु प्रधान चीख गुदवीसेय मिल्हारस तेहनधूपदरी मघमघायमान गधनइ उत्कष्टपणकरीमनोहररुद्र मुगधगतकरीगधवतक गधनीवातीरुपए प्रधान मनीज मनीहरई' नामिकानद मननद मुखजपजावर गधर करीतेहडूकडाप्रदेशप्रतिहमनद चिडू रिभर वसपथकीपूरताधका घपड जधासीमायकरीसोभायमानयकारहदा तह हारनड विपासष्ट्र बिहनपेधतीनदउलान विध मौलपुर पूतलीनी परिपाटी पति कही तह पूतनी लीलाइ रहीतकद रुडीपरिघापीछद मतदअलकारइपनकृतका धमेकसार ग्यावस्त्रपहिरीछए. अनकप्रकारह फूननी मालाका