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अनार्य कृतघ्नी सेवगों
काली करतूतें
पत्रिका नम्बर १
ओसवाल और सेवगों के सम्बन्ध तूटने का मुख्य कारण " सूर्यमग प्रकाश” नामक पुस्तक है जो सेवग तेज कवि ने रची है जिसके पृष्ट ५९ में एक कवित लिखा है वही यहां पर उध्धृत किया जाता है। ऋषभदेव स्वामि का पिता नाभि राजा नृप ।
दादा अगींद्र भूप जम्बू द्वीप जानें हैं । ताके निज भ्रात शाक द्वीप राज भोगे तहां।
मेगातिथि नाम को पुराण सबमाने हैं। जा के गुरु मग विप्र भोजक कहलाते सो।
गुरु सप्त भ्रातन ने हृदय भाव ठाने हैं । जैन धर्मवालों के ऋषभआदि तिर्थकर ।
पूर्ण भगवान पद्य आदउं का माने हैं ॥ .