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________________ OSSAKS तेरापंथ-मतसमीक्षा. इस पुस्तकमें, तेरापंथ-प्रतकी उत्पत्ति, तेरापंथियों के र स्थूल मन्तव्य, पालीमें तेरापंथियोंके साथ जो चर्चा हुई, उसका सारा वृत्तान्त, तेरापंथियों के पूछे हुर तेईस प्रश्नों के उत्तर और अन्तमें तेरापंथियोंको पूढले हए 75 प्रश्न दिये गहामति पूजाकी, इस पुस्तकमें, कि पासे अच्छी तरह विद्धि की गई है। इस पुस्तकको / अवश्य मंगवा कर देखिये / / गिलनेका पता:श्रीयशोविजय जैन ग्रंथमाला ऑफील. स्वारगेट. भावनगर-काठियावाद SoSSSSSSSSSS SROSARSeso रामक. यह शतक भी बड़ा ही मजेदार है। कविता ऐसीपी मधुर और चित्ताकर्षक बनी है कि जिसको तारोह हम नहीं कर सकते / तेरापंथियोंकी दया, मूर्तिपूजा और अन्नों उनके आचारोंकी ऐसो तो फोटू ली गई है, कि जिसको देव, पाठक बहुत ही खुश हो जायेंगे / शीत्र मंगवा छोनिये। पता:-- श्रीवमोविजयजैनग्रंथमाग आफिस खारगेट. भावनगर-काठियावाहा
SR No.007294
Book TitleTerapanthi Hitshiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyavijay
PublisherAbhaychand Bhagwan Gandhi
Publication Year1915
Total Pages184
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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