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________________ ७२] mm मुंबईप्रान्तके प्राचीन जैन स्मारक ! मेराड पृथ्वीवर्मा : शाका ७६७ या ६० ८०० ) पिटुग स्त्री नीजीदवे शांति या शांतिवर्मा 'शाका १०२ या ई. ६८० स्त्री चांदो कव्वे नन्न कार्तविद्या प्रशम या कत्त : दबारी या दायुम कन्नर प्रथम या कल प्रा अ- To ६७० शेन प्रथम या कालसेन प्र० सी मैललदेवी कनकर द्वि० शा० कार्तवीर्य हि या फन द्वि० प्रा० १०६० १००४ या ८ | या १०० स्त्रो मागलदेवी शेन द्वि० या कालसेन द्वि० रुता लक्षमी । देवो शा० ०५० कत्तम तृ० या कार्तवीर्य्य तृ० ( स्त्री पद्मलदेवी शा० १०८६) लक्ष्मण या लक्ष्मीदेव प्रथम शा० ११३० या सन १२०८) __स्त्रो चलादेवी कार्तवीर्य चतुर्थ (शा० ११२४से ४१ मल्लिकार्जुन । स्त्री एचलादेवी (शा० ११२३ से ११३० लक्ष्मीदेव द्वि० (शा० ११५० या . सन् १२०१ या १२०८) सन् १२२८ )
SR No.007291
Book TitleMumbai Prant ke Prachin Jain Smarak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherManikchand Panachand Johari
Publication Year1925
Total Pages254
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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