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अहमदाबाद जिला ।
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पूर्वीय सीमामें स्थापित रहा है, परंतु बौद्ध गुफाएं इस प्रांतकी सीमामें ही हैं । यह धर्म प्रांतके भीतर नहीं घुसा । यह मालूम नहीं कि जैनधर्म गुजरात में पैदा हुआ या कहींसे आया, किन्तु जहांतक हमारा ज्ञान जाता है यह प्रांत इस धर्मका बहुत उपयोगी घर व मुख्यस्थान रहा है । भारतमें जितनी धर्मोकी शकले हैं उन सबमें शायद यह जैनधर्म सबसे पवित्र और उत्तम है "Of the Indian forms cf religion it is, on the whole, perhaps the purest and the best "
यह धर्मं उस स्थूल व अमाननीय अन्धश्रद्धासे दूर है जो बहुधा शिव व विष्णुकी पूजाके साथ रहती है और न यह बहुत अधिक पुजारी साधुओंसे दबा हुआ है जैसा कि बौद्धधर्म मालूम होता है । न इसका मुकाबला वेदांतके ब्राह्मणधर्मसे होता है test आर्य लोग अपने साथ भारतमें लाए। यह धर्म जैसा सुंदर व पवित्र है वैसा दूसरा नहीं मालूम होता है ।
There seems none other so elegant and pure.
जबसे मुसलमानोंने गुजरातपर अधिकार किया उन्होंने इसके उखाड़ने की शक्तिभर चेष्ठा की, किन्तु यह बराबर जीता रहा तथा इसके माननेवाले अब भी बहुत हैं । जैनियोंकी चित्रकला व शिल्पने अपनी सुन्दरताके कारण मुसल्मानोंपर असरडाला जिससे उन्होंने इसको स्वीकार किया । अहमदावादमें बहुतसी मुसलमानोंकी इमारतोंमें जैनचित्रकला झलकती है ।
अहमदावादका प्राचीन नाम करणवती था । अहमदशाहने सन् १४९२ में इसका नाम अहमदावाद रक्खा । उस समय यहां