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________________ (१६) पृ० ५० ... १४८ ___... १४९ .. १५. ___... १५२ (७) चितकुल [२७] सिंधप्रांत (6) जरसप्पा-प्राचीन जैन मंदिर (1) भाम्बोर (२) गोरी (५) मनकी १३७ (3) नगरपार्कर ... (५) सोनडा-उडपी अनमठ , (४) विराबह ... (७) उलवी प्राम ...१३८२ कोल्हापुर राज्य (८) विदरकन्नी १५१ (4) विलगी या प्राचीन (१) अटली ग्राम ... १५१ श्वेतपुर (२) कोल्हापुर शहर " , (1.) हादवल्ली (३) पावल गुफाएं प्राचीन (11) होनावर या हनुरुह जैन कालेज ... द्वीप ...१३४ (४) रायबाग (१२) कलटी गुडड ... , (१३) कुमता बंदर ... , (५) खेद्रापुर (६) विड या बेरद (१४) मुन्देश्वर ...१३८ (१५) कुलेटार ...१४. (७) हेरले [२५] कोलावा जिला १४१ (८) सावगांव का प्राचीन व्यापार १४२ (९) बमनी (१) चिवल या खेड १४४ (१०) करवीर प्राचीन जैनियों का (११) बदगांव चारित्र ... " (१२) कुन्डल श्री पाव. (२) गोरेगांव नाथजी ... (3) कड़ा गुफाएं ... , (१३) कुम्भोज बाहुबलि (४) महाड़ ... " ... १५७ (५) पाले ___... १४६ (१४) स्तवनिधि अतिशय (6) कोल गुफाएं ... , क्षेत्र (७) रायगढ़ ... , कोल्हापुरके जैन मंदि. (८) रामधरण पवते ... , रका शिलालेख , [२६] रत्नागिरी जिला ...१४७ (१) दामल कोल्हापुरके जैन कि(२) खारे पाटन ... , स नों की प्रशंमा १५४ ...१४५
SR No.007291
Book TitleMumbai Prant ke Prachin Jain Smarak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherManikchand Panachand Johari
Publication Year1925
Total Pages254
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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